गाजियाबाद। गाजियाबाद के दूधेश्वरनाथ मंदिर में दिल्ली संत महामंडल की कार्यकारिणी की बैठक हुई। इस दौरान खुद को अवतार कहकर भ्रम व अंधविश्वास फैलाने वाले और समाज को गुमराह करने वाले स्वयंभू संतों के प्रति समाज को जागरूक करने के लिए अभियान चलाने का प्रस्ताव पारित किया गया। साथ ही हाथरस में हुए हादसे में मारे गए श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
बैठक में लगभग 800 संतों ने महामंडल के अध्यक्ष के रूप में एक वर्ष का कार्यकाल पूरा करने पर दूधेश्वर पीठाधीश्वर महंत नारायण गिरी का अभिनंदन किया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरी महाराज ने कहा कि संतों ने समाज, देश व विश्व को सही दिशा व दशा देने का काम किया है। आज जब पूरे विश्व में अनिश्चितता व हिंसा का माहौल है तो संतों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। सभी संतों को मानवता की रक्षा के लिए आगे आना होगा, तभी हाथरस जैसे हादसों को रोका जा सकेगा।
महंत नारायण गिरि ने कहा कि दिल्ली संत महामंडल धर्म व आध्यात्म ही नहीं समाज सेवा के कार्यों में भी सबसे आगे है। कुछ तथाकथित लोग खुद को संत कहकर पाखंड व अंधविश्वास फैलाने का कार्य करते हैं। ऐसे फर्जी संतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है। संतों की वाणी समाज के हर व्यक्ति तक पहुंचे और लोग जागरूक हों, इसके लिए संस्था जल्द ही पत्रिका का प्रकाशन शुरू करेगी।
बैठक में दिल्ली संत महामंडल के संस्थापक स्वामी राघवानंद गिरी, आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी कंचन गिरी, महामंडलेश्वर नवल किशोर दास, महामंडलेश्वर साध्वी विद्या गिरी, कोषाध्यक्ष महंत धीरेंद्र पुरी, महामंडलेश्वर शैलेंद्र गिरी, महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी, महंत सोमगिरी, थानापति महंत धर्मेंद्र गिरी, महंत गिरिशानंद गिरी, महामंडलेश्वर धर्मदेव गिरी, महंत रामापुरी, महंत मुकेशानंद गिरी, महंत जगदीश पुरी, महंत विजय गिरी, महंत किशन गिरि, रमेशानंद गिरी, महंत कन्हैया गिरी मौजूद रहे।