सुगम ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के संचालक पंडित हेमंत भट्ट ने शनिवार को बताया कि भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक भैया दूज का पर्व 03 नवम्बर ( रविवार) को मनाया जाएगा। रविवार को सूर्यादय से लेकर पूर्वाह्न 11:39 बजे तक सौभाग्य योग रहेगा। इसके बाद शोभन योग शुरू हो जाएगा। सौभाग्य योग में बहनों द्वारा भाई का तिलक करना अत्यंत मंगलकारी सिद्ध होगा।
पंडित हेमंत भट्ट ने आगे बताया कि दीपों का त्याेहार दीपावली पांच दिन का उत्सव होता है। इस त्याेहार की शुरुआत धनतेरस से होती है और समापन भैया दूज पर होता है। भाई दूज को यम द्वितिया भी कहते हैं। भैया दूज कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। द्वितीया तिथि आज शनिवार रात 8:21 बजे से प्रारंभ होगी और 03 नवम्बर को रात 10:06 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार 03 नवम्बर को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा।
पंडित हेमंत भट्ट ने बताया कि रविवार को भाई दूज पर चार शुभ चौघड़िया मुहूर्त निम्न प्रकार हैं
अमृत – सर्वोत्तमः सुबह 10ः41 से दोपहर 12ः04 तक
शुभ – उत्तमः दोपहर 01ः26 से दोपहर 02ः48 तक
शुभ – उत्तमः शाम 06ः03 से रात्रि 07ः11 तक
अमृत – सर्वोत्तमः शाम 07ः11 से रात्रि 08ः49 तक
यम द्वितीया के दिन यमुना में स्नान और यमुनाजी व यमराजजी की पूजा करना विशेष फलदायी
कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाने वाला भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। इस दिन यमुना ने अपने भाई यम को आदर सत्कार के साथ भोजन कराया था। यमराज के वरदान अनुसार जो व्यक्ति इस दिन यमुना में स्नान करके, यम का पूजन करेगा, मृत्यु के पश्चात उसे यमलोक में नहीं जाना पड़ेगा। यमुना को सूर्य की पुत्री माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि वे सभी तरह के कष्टों को दूर करती हैं। इसलिए यम द्वितीया के दिन यमुना नदी में स्नान करना और यमुना और यमराज की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है।