मुजफ्फरनगर। नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में सुनवाई करते हुए पॉक्सो एक्ट कोर्ट ने आरोपित को दोषी ठहराते हुए 20 साल कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी पर 34 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। जिसमें से 3० हजार रुपये की धनराशि क्षतिपूर्ति के रूप में पीडि़ता को दी जाएगी।
विशेष लोक अभियोजक दिनेश कुमार शर्मा और मनमोहन वर्मा ने बताया कि 16 साल की एक किशोरी का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया गया था। बताया कि पीडि़ता के पिता ने 16 जून 2०21 को को शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि उसकी 16 वर्षीय पुत्री नौ जून को सुबह पांच बजे घर के गेट के पास झाड़ू दे रही थी। आरोप था कि तभी बाइक पर सवार होकर पहुंचे मेहराब उर्फ रोशी पुत्र नजबुद्दीन निवासी कलीम कालोनी शहर कोतवाली क्षेत्र ने उसकी पुत्री का अपहरण कर लिया था।
आरोपित उसकी पुत्री को बाइक पर नशा सुंघाकर कहीं जंगल में ले गया था। बताया कि 16 जून को वह जंगल से किसी तरह आरोपित के कब्जे से छूटकर वापस घर लौटी थी। जिसके बाद उसने बताया था कि आरोपित मेहराब ने जंगल में उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने इस मामले में आरोपित के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर उसे अरेस्ट कर लिया था। विशेष लोक अभियोजक दिनेश कुमार शर्मा और मनमोहन वर्मा ने बताया कि घटना के मुकदमे की सुनवाई पॉक्सो एक्ट कोर्ट के न्यायाधीश बाबूराम ने की।
उन्होंने बताया कि अभियोजन ने घटना साबित करने के लिए कोर्ट में सात गवाह पेश किये। दोनों पक्ष की सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपित मेहराब को दोषी ठहराते हुए 2० वर्ष कैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने दोषी पर 34 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। जिसमें से 3० हजार रुपये की धनराशि क्षतिपूर्ति के रूप में पीडि़ता को देने का आदेश जारी किया।