लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। विधायक पल्लवी पटेल, जो उनके खिलाफ लगातार मुखर रही हैं, अब इस मामले को राजभवन तक ले गई हैं। उन्होंने प्राविधिक शिक्षा विभाग में हुई कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की शिकायत की है।
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पल्लवी पटेल का आरोप है कि प्राविधिक शिक्षा विभाग में असंवैधानिक तरीके से विभागाध्यक्ष के पदों को प्रोन्नति के जरिए भरा गया है। यह प्रक्रिया नियमानुसार उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के माध्यम से सीधी भर्ती द्वारा पूरी की जानी चाहिए थी, लेकिन नियमों को दरकिनार कर मनमाने तरीके से पदों को भरा गया।
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पल्लवी पटेल ने अपने पत्र में निम्नलिखित मुद्दों को उठाया कि भ्रष्टाचारयुक्त असंवैधानिक कार्यवाही, विभाग द्वारा मनमाने तरीके से शासनादेश जारी कर पदों को भरने का आरोप। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया न केवल छात्रों के भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती है, बल्कि शिक्षकों के अधिकारों का भी उल्लंघन करती है। पल्लवी पटेल ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने की मांग की है। उन्होंने 09 दिसंबर 2024 को जारी हुए D.P.C. के शासनादेश को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की। पल्लवी पटेल ने राजभवन में राज्यपाल से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आग्रह किया कि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।
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राजभवन में शिकायत दर्ज कराने के बाद पल्लवी पटेल ने मीडिया से कहा,”यह मामला सिर्फ पदों की अनुचित प्रोन्नति का नहीं है, बल्कि यह हमारे सिस्टम में व्याप्त गहरे भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। छात्रों और शिक्षकों के हितों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।”
अब तक कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने इन आरोपों पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, उनके समर्थकों का कहना है कि यह आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।
पल्लवी पटेल की शिकायत के बाद यह मामला राज्यपाल और मुख्यमंत्री के समक्ष आ चुका है। उम्मीद की जा रही है कि राज्य सरकार जल्द ही मामले की जांच के लिए विशेष समिति या SIT का गठन कर सकती है।
यह मुद्दा आशीष पटेल और पल्लवी पटेल के बीच पहले से चली आ रही राजनीतिक तकरार को और बढ़ा सकता है। पल्लवी पटेल के आरोपों के बाद विपक्ष ने भी राज्य सरकार और कैबिनेट मंत्री को निशाने पर लिया है।