सहारनपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की के सहारनपुर कैंपस को 5-जी और 6-जी दूरसंचार प्रौद्योगिकी और उपयोग के मामलों पर अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) बनाया जाएगा। आज इसकी शुरुआत हो गई है। यहां पर आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिक और छात्र 5-जी पर शोध करेंगे, साथ ही 6-जी को भी यहां से लांच करने की तैयारी है।
सहारनपुर की पहचान काष्ठ हस्तशिल्प से है। अब जनपद की पहचान संचार प्रौद्योगिकी के लिए भी होगी। यहां इसका हब बनाया जाएगा। इसकी पहल मंडलायुक्त डॉ. लोकेश एम ने की है। इस संबंध में आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों के साथ आईआईटी रुड़की के यहां सहारनपुर कैंप में बैठक हुई। मंडलायुक्त डॉ.लोकेश एम की अध्यक्षता में हुई बैठक में आईआईटी रुड़की के उप निदेशक प्रोफेसर यूपी.सिंह, दूरसंचार विभाग के प्रमुख प्रोफेसर एनपी पाठक, सहारनपुर कैंपस के डीन प्रोफेसर सुजॉय, सलाहकार अभिषेक तिवारी, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय से सौमनिल मुखर्जी, अरुण कुमार वर्मा और सीईक्यूयू लैब्स के कुमार सत्यम आदि मौजूद रहे।
मंडलायुक्त डॉ.लोकेश एम ने कहा कि सहारनपुर में 5-जी और 6-जी दूरसंचार प्रौद्योगिकी और उपयोग के मामलों पर अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना एक महत्वपूर्ण पहल है, जो सहारनपुर को वैश्विक मानचित्र पर रखेगी। यह एक मजबूत और नवीन दूरसंचार उद्योग के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सही संसाधनों, समर्थन और सहयोग के साथ उत्कृष्टता केंद्र में सहारनपुर और उसके बाहर महत्वपूर्ण वृद्धि और विकास को चलाने की क्षमता है।
उन्होंने कहा कि इस केंद्र का उद्देश्य दूरसंचार के क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा देना है। उत्कृष्टता केंद्र अनुसंधान और विकास गतिविधियों के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करेगा, जिससे विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को सहयोग करने और अत्याधुनिक समाधान तैयार करने में मदद मिलेगी। इस पहल में सहारनपुर के विकास के अपार अवसर हैं, क्योंकि यह शीर्ष प्रतिभा को आकर्षित करेगा, नौकरी के अवसर पैदा करेगा और क्षेत्र के आर्थिक विकास में योगदान देगा। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस द्वारा किए गए अनुसंधान और विकास गतिविधियों से नए उत्पादों, सेवाओं और प्रौद्योगिकियों का निर्माण होगा, जिनका व्यावसायीकरण और वैश्विक स्तर पर विपणन किया जा सकता है।