मुजफ्फरनगर। जनपद में 48 फर्जी कम्पनी बनाकर फर्जी जीएसटी बिल व ई-वे बिल से सरकार को 925 करोड़ रूपये का चूना लगाने वाले 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन साइबर ठगों ने सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुक़सान पहुंचाया है।
पुलिस लाइन में पत्रकारों से वार्ता करते हुए एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि पुलिस अधीक्षक ग्रामीण आदित्य बंसल, क्षेत्राधिकारी बुढाना गजेन्द्र सिंह व थाना साइबर क्राइम प्रभारी निरीक्षक सुल्तान सिंह के नेतृत्व में थाना साइबर क्राइम,
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थाना रतनपुरी व थाना बुढाना पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा फर्जी कम्पनियां रजिस्टर कर उनके जीएसटी नम्बर पर फर्जी बिलिंग कर राजस्व हानि करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 7 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने बताया कि अभियुक्तों द्वारा 925 करोड के फर्जी जीएसटी बिल व ई-वे बिल तैयार कर सरकार को करोडो रुपये की राजस्व हानि पहुंचायी गयी है। अभियुक्तों के कब्जे से 8 मोबाइल फोन, 20 सिम कार्ड, 2 पेन कार्ड, 5 आधार कार्ड बरामद किये गये। अभियुक्तों की गिरफ्तारी व बरामदगी के सम्बन्ध में पुलिस कार्रवाई करने में जुटी है।
एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम तसलीम पुत्र फरमान निवासी भनवाडा थाना रतनपुरी, जुनैद पुत्र महताब निवासी भनवाडा थाना रतनपुरी, आस मौहम्मद पुत्र मंगता निवासी मं.न. 529 गीतापुरी भूड कस्बा व थाना खतौली, सेठी पुत्र महावीर निवासी पश्चिमी पछाला कृष्णापुरी कस्बा बुढाना, आसिफ पुत्र मंजूर निवासी म.न. 132 मण्डी
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दक्षिणी बस स्टैण्ड के पास कस्बा व थाना बुढाना, मोईन पुत्र सरफराज निवासी म. नं. 31 मण्डी उत्तरी पानी की पुरानी टंकी के पास कस्बा व थाना बुढाना,अजीम पुत्र समीम निवासी म.न. 153/7 मण्डी दक्षिणी भगत टाकीज के पास यह बुढ़ाना, वहादत पुत्र फरमान निवासी भनवाडा थाना रतनपुरी है।
उन्होंने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि हम लोगों का एक संगठित गिरोह है जिसका मास्टरमाइंड तसलीम उपरोक्त तथा फरार/वांछित वहादत है। हम फर्जी कम्पनियां व फर्जी जीएसटी बिल तैयार कर सरकार के राजस्व को हानि पहुंचाकर अवैध आर्थिक लाभ अर्जित करते है। हम लोगों के द्वारा विगत 5-6 वर्षों से यह कार्य किया जा रहा है। हम लोग पहले देश भर में घूम कर एवं फोन कॉल के माध्यम से भोले भाले लोगों को नौकरी का झांसा व प्रलोभन देकर उनके आधार कार्ड, पेन कार्ड, पहचान पत्र, बिजली बिल आदि दस्तावेज प्राप्त करते हैं, तत्पश्चात उन लोगों द्वारा दी गयी आईडी पर फर्जी/जाली कम्पनियां रजिस्टर करते है तथा जीएसटी नम्बर ले लेते है, इसके पश्चात उनके ही नाम पर फर्जी बैंक खाता खुलवाकर खाते का नियंत्रण अपने पास रखते है।
गिरफ्तार अभियुक्तों ने स्वीकारा है कि इसके बदले में हम उन लोगों को थोडा पैसा भी दे देते है। हमारे द्वारा बनायी गयी फर्जी कम्पनियां व जीएसटी बिल के माध्यम से स्कैप/कबाडी जैसे व्यापारी हमें 2-3 प्रतिशत कमिशन देकर तथा फर्जी जीएसटी बिलो का प्रयोग कर 18 प्रतिशत जीएसटी बचाकर सरकार के राजस्व को हानि पहुंचाते है। हम लोगों का नेटवर्क कई प्रदेशों में फैला हुआ है, यदि किसी दूसरे प्रदेश के व्यापारी को फर्जी जीएसटी बिल की आवश्यकता होती है तो हम उन्हे उपलब्ध कराते है।
हम लोगों के द्वारा कमीशन का पैसा हवाला के माध्यम से प्राप्त किया जाता है तथा कुछ पैसा खाते में भी लिया जाता है। हमारे गिरोह में अजीम उपरोक्त बीटैक है, सभी टेकिनिक्ल काम वही करता है। हम लोगों के द्वारा एक ही कम्पनी के दो जीएसटी नम्बर भी लिये गये है तथा कम्पनी के फर्जी बैंक खाते खोले गये है, साथ ही बिना वाहन स्वामी को जानकारी हुए उसके वाहन का नम्बर फर्जी जीएसटी बिल व ई-वे बिल में प्रयोग कर सरकार को राजस्व की हानि पहुंचाई है। पुलिस द्वारा फरार/वांछित अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु सार्थक प्रयास जारी है। एसएसपी ने बताया कि इस गिरोह में शामिल अन्य अभियुक्तों की भी जानकारी की जा रही है।