मुजफ्फरनगर। गत 12 फरवरी को दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में आयोजित हुई जमीयत–उलेमा–ए–हिंद के 34 वें राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान मौलाना अरशद मदनी द्वारा भड़काऊ बयान दिए जाने से एक और जहां हिंदू धर्म गुरुओं में आक्रोश फैला हुआ है वहीं दूसरी ओर शहर की शाह इस्लामिक लाइब्रेरी जामा मस्जिद होज वाली लोहिया बाजार के धर्मगुरु कारी मोहम्मद खालिद कासमी ने एक मीटिंग के पत्रकारों से वार्ता करते हुए सही बताया एवं कहा कि इस तरह का बयान गलत नहीं है।
उन्होंने कहा कि मौलाना अरशद मदनी द्वारा दिए गए बयान को जनता के बीच कुछ अराजक तत्वों ने तरोड मरोड़ कर पेश किया है, जबकि इस बयान के माध्यम से देश के निवासियों को आपस में रहने की हिदायत देने का कार्य किया गया है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के रामलीला ग्राउण्ड में आयोजित हुए जमीयत–उलेमा-ए-हिन्द के 34वें राष्ट्रीय अधिवेशन के अवसर पर अपना बयान देते हुये मुस्लिम धर्म गुरू मौलाना अरशद मदनी ने जो बयान दिया था, जिसका अधिवेशन के स्टेज पर उपस्थित जैन धर्मगुरू लोकेश मुनि ने विरोध करते हुए अपनी असहमति जतायी थी। उसी बयान को लेकर जनपद सहारनपुर के देवबन्द में कुछ लोगो द्वारा उनके विरूद्ध शिकायत दर्ज करायी गई।
उन्होंने कहा कि जमीयत–उलेमा–ए हिंद के 34वें राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान दिए गए भड़काऊ बयान पर शाह इस्लामिक लाईब्रेरी के जि़म्मेदार लोगो की ओर से मौलाना अरशद मदनी के बयान की हिमायत करते हुए उसको समझने और समझाने पर जोर दिया गया।
उन्होंने कहा कि उसको देश और देशवासियों की एकता का प्रयास करार दिया गया। कारी खालिद कासमी ने कहा कि देश के लोग जो अलग अलग धार्मिक आस्था रखते है उनमें विचार का मत-भेद हो सकता है लेकिन आपस में मन-भेद नही होना चाहिये। सभी भारतवासी होने के नाते मानवता और देश के खातिर प्यार मौहब्बत बनाये रखना चाहिये।
उन्होंने कहा कि मौलाना मदनी के बयान को लेकर माहौल खराब करने वालों की कड़ी निन्दा करते है। मौलाना मदनी जमीयत उलेमा-ए-हिन्द व दरुल उलूम देवबन्द के द्वारा देश व समाज विशेषकर सभी धर्मों के मानने वालो के बीच एकता की प्रयासो की हिमायत और सराहना करते है।
इस अवसर पर कारी मौहम्मद खालिद कासमी, महबूब आलम एडवोकेट, मास्टर अख्तर खान, कारी शौकत अली, मौ. शाहबान आजम, अब्दुल्ला कुरैशी उपस्थित रहे।