प्रयागराज। माफिया किंग अतीक अहमद और अशरफ के खात्मे के बाद यूपी पुलिस को अब उमेश पाल हत्याकांड से जुड़े 4 अन्य आरोपियों की तलाश है। साबिर, गुड्डू मुस्लिम, अरमान और अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन। बाकी 6 लोग मारे जा चुके हैं। यूपी पुलिस ने शाइस्ता की गिरफ्तारी के लिए कमर तो कस ली है, लेकिन अभी शाइस्ता की गिरफ्तारी मुमकिन हो पाएगी ? ये बड़ा सवाल है। इसके पीछे एक नहीं दो वजहें हैं। पहला उसकी पहचान और दूसरा मुस्लिम समुदाय की इद्दत परंपरा।
जुर्म की दुनिया से राजनीति में आने वाले अतीक अहमद, उसके बेटे असद और भाई अशरफ के मिट्टी में मिल जाने के बाद अब शाइस्ता परवीन उन लोगों में शामिल हैं, जो यूपी पुलिस के रडार पर हैं। पुलिस के सूत्र बताते हैं कि अतीक अहमद के हर अपराध में शाइस्ता बराबर की भागीदारी रही है।
ऐसा माना जाता है शाइस्ता के दिमाग से ही अतीक अपना काला साम्राज्य चलाता था। शाइस्ता को यूं ही अपराध की दुनिया में गॉडमदर नहीं कहा जाता। शाइस्ता को उसके शागिर्द गॉडमदर कहकर बुलाते हैं। अपराध की दुनिया में शाइस्ता अतीक के बराबर हैसियत रखती है। गुर्गों के लिए अतीक और शाइस्ता दोनों की बातें पत्थर की लकीर समान है। पिछले 44 सालों से अपराध की दुनिया चलाने वाले अतीक के साथ शाइस्ता भी बराबर की भागीदार है।
यूपी पुलिस के लिए शाइस्ता की पहचान करना काफी मुश्किल है। ऐसा इसलिए क्योंकि सार्वजनिक डोमेन या पुलिस रिकॉर्ड में शाइस्ता की कोई नई तस्वीर नहीं है। गूगल में शाइस्ता की गहनों के साथ एक तस्वीर उपलब्ध है, जिसमें उसका चेहरा दिख रहा है, लेकिन मुश्किल यह है कि यह काफी पुरानी फोटो है। इसके अलावा शाइस्ता जब भी लोगों के बीच आई, बुर्के में ही रही। हाल ही में बसपा ज्वाइन करने के दौरान भी शाइस्ता बुर्के में थी। इसलिए यूपी पुलिस की मुश्किल यह है कि अगर शाइस्ता सामने भी आ जाए तो पहचान पाना टेढ़ी खीर है।
मुस्लिम समुदाय में इद्दत परंपरा काफी प्रचलित है। इसमें पति की मौत के बाद विधवा महिला को 4 महीने और 10 दिन के लिए इस धार्मिक परंपरा से गुजरना होता है। इस दौरान महिला को घर पर ही ऐसे स्थान पर रहना होता है, जहां उससे कोई न मिल सके। कोई बाहरी पुरुष इस दौरान महिला से नहीं मिल सकता। वह महिला ऐसे कमरे में रहती है, जहां सूरज की रोशनी भी न पड़े। सिर्फ बेटा या भाई मिल सकते हैं। बाकी परिवार की महिलाओं को उससे मिलने की इजाजत है। इस दौरान वह सिर्फ प्रार्थना करती है। सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी पर ही डॉक्टरों के पास जा सकती है। इद्दत में किसी भी गैजेट्स से दूर रहना होगा। फोन इस्तेमाल नहीं कर सकते।