जलालाबाद। कस्बे में दिल्ली–सहारनपुर रोड स्थित भूमि पर शव दफनाने को लेकर शनिवार को दो समुदायों के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई।सूचना मिलने पर मौके पर पहुँची पुलिस ने स्थिति को संभालते हुए शव को दूसरे स्थान पर दफन कराने की व्यवस्था कराई, जिसके बाद मामला शांत हो सका।शनिवार सवेरे मोहल्ला मोहम्मदीगंज निवासी 40 वर्षीय गुलजार पुत्र नत्थू की बीमारी के चलते मृत्यु हो गई थी।परिजन शव को दफनाने के लिए दोपहर के समय सहारनपुर रोड पर बिजलीघर के निकट कब्र खोद कर शव दफनाने ले गये थे।
इसी दौरान इसकी जानकारी मिलने पर हिन्दू संगठनों के लोग विश्व हिन्दू परिषद के जिलाध्यक्ष प्रदीप पुंडीर के नेतृत्व में मौके पर पहुँच गए और अपना विरोध दर्ज कराया।मामले की गंभीरता को देखते हुए थानाध्यक्ष बिजेन्द्र रावत चौकी प्रभारी पवन उपाध्याय व पुलिस बल के साथ मौके पर पहुँचे और शव को उक्त स्थान पर दफनाने से रोक दिया। इसके बाद कुछ समय के लिए तनाव की स्थिति बन गई।हिन्दू संगठन के लोगों का दावा है कि खसरा संख्या 1145, जिसका रकबा लगभग 6 बीघा है में वर्षों पूर्व विदेशी आक्रांताओं द्वारा धोखे से मारे गए हजारों राजपूत योद्धाओं के शव दफनाए गए थे और इस स्थान के संरक्षण की मांग वे शासन स्तर पर पहले से कर रहे हैं।
वहीं मुस्लिम समाज के लोगों का कहना था कि यह भूमि खसरा संख्या 1144 है और कागजो में कब्रिस्तान के रूप में दर्ज है।विवाद बढ़ने पर राजस्व लेखपाल को मौके पर बुलाया गया जिन्होंने अभिलेखों के आधार पर बताया कि संबंधित भूमि खसरा संख्या 1145 है जो राजस्व रिकॉर्ड में बंजर भूमि के रूप में दर्ज है।दोनों पक्षों के दावों के बीच स्थिति को नियंत्रित करते हुए थानाध्यक्ष ने मुस्लिम समाज के लोगों को बिजलीघर के सामने स्थित दूसरे कब्रिस्तान में शव दफनाने के लिए मना लिया जिसके बाद मामला शांत हुआ।बताते चलें कि जलालाबाद देहात क्षेत्र में वर्तमान में चकबंदी की प्रक्रिया चल रही है। सर्वे और नक्शा-5 का आवंटन हो चुका है तथा नक्शों के वितरण की तैयारी की जा रही है। इसके बावजूद कब्रिस्तान,शमशान और भूमि से जुड़े विवाद सामने आना संबंधित विभाग की लापरवाही को दर्शाता है जिससे दो समुदायों के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो रही है।पुलिस ने सतर्कता दिखाते हुए मामले को गंभीरता से लेकर स्थिति को बिगड़ने से बचा लिया।