Sunday, December 22, 2024

शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने कहा, मेरी मां ने प्रदर्शनकारियों पर गोली नहीं चलाने का दिया था आदेश

नई दिल्ली। बांग्लादेश में स्वतंत्रता सेनानियों को दिए जा रहे 30 फीसद आरक्षण के मुद्दे पर हिंसक भीड़ की तोड़फोड़, आगजनी के बाद फैली हिंसा से घबराई बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा देकर भारत आ गईं। इस मामले में उनके पुत्र सजीब वाजेद ने आईएएनएस से खास बातचीत की। इस बातचीत में वाजेद ने पश्चिमी देशों में सक्रिय बांग्लादेश के विरोधी समूहों पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कुछ पश्चिमी समूह विरोध को भड़काते रहे, प्रदर्शनकारी पीएम आवास पर मार्च कर रहे थे और मेरी मां देश नहीं छोड़ना चाहती थी।

 

 

मैंने उनसे बात की और उन्हें देश छोड़ने के लिए आश्वस्त किया। अगर वह ऐसा नहीं करतीं तो प्रदर्शनकारी उन्हें मार डालते।” साथ ही उन्होंने साफ कर दिया कि बांग्लादेश में फैली हिंसा के बावजूद उनकी मां ने आदेश दिया था कि प्रदर्शनकारियों पर गोली नहीं चलाई जानी चाहिए। वह आगे कहते हैं, “मेरी मां ने पुलिस और सेना को आदेश दिया था कि प्रदर्शनकारियों को नहीं मारना है। इसलिए जब प्रदर्शनकारियों ने पीएम आवास पर मार्च किया, तो सेना ने ढाका की सीमाओं पर बैरिकेड लगाए, सेना ने हवा में गोलीबारी की। उन्हें प्रदर्शनकारियों पर गोली न चलाने का निर्देश दिया गया था।”

 

 

 

बता दें, बांग्लादेश में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के रिश्तेदारों के लिए देश की तमाम सरकारी नौकरियों में दिए जा रहे आरक्षण के विरोध में एक जुलाई से प्रदर्शन की शुरुआत छात्रों ने की थी। पांच जून को ढाका हाईकोर्ट ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को आरक्षण को फिर से लागू करने का आदेश दिया था। बांग्लादेश में 30 फीसदी नौकरियों में 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के बच्चों के अलावा पौत्र-पौत्रियों के लिए, प्रशासनिक जिलों के लोगों के लिए 10 फीसदी, महिलाओं के लिए 10 फीसदी, जातीय अल्पसंख्यक समूहों को 5 फीसदी और विकलांगों को 1 फीसदी आरक्षण नौकरियों में दिया जा रहा है। इसके अलावा बांग्लादेश में आरक्षण व्यवस्था के अंतर्गत महिलाओं, विकलांगों और जातीय अल्पसंख्यक लोगों के लिए भी सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान पहले से ही है।

 

 

इस रिजर्वेशन सिस्टम को 2018 में वहां की सुप्रीम कोर्ट द्वारा निलंबित कर दिया गया। इस निलंबन के बाद इस तरह के विरोध प्रदर्शन पूरे देश में रूक गए थे। सोमवार को बांग्लादेश में भीड़ ने अपनी मांगों को लेकर राजधानी व उसके आसपास के इलाकों में आगजनी, तोड़फोड़ की जिसमें सैकड़ों लोगों के मारे जाने की भी पुष्टि हुई है। इसके अलावा राजधानी में लगे शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्ति को भी तोड़ दिया गया।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,303FansLike
5,477FollowersFollow
135,704SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय