मुंबई। उल्हासनगर में सत्तारूढ़ शिवसेना नेता को गोली मारने के आरोप में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक गणपत कालू गायकवाड़ की गिरफ्तारी के दो दिन बाद उनकी पार्टी के कई मंत्रियों ने सोमवार को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से मुलाकात की।
उत्पाद शुल्क मंत्री शंभुराज देसाई ने बाद में मीडियाकर्मियों को बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक से पहले शिवसेना के मंत्रियों ने फड़णवीस से मुलाकात की।
मुलाकात का स्पष्ट कारण गणपत गायकवाड़ की टिप्पणियां थीं, जिनमें सीएम के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे। उन्होंने शिंदे पर कथित तौर पर बहुत सारा पैसा बकाया रखने और राज्य में आपराधिक जागीर स्थापित करने का आरोप लगाया गया था।
गायकवाड़ ने ठाणे पुलिस द्वारा हटाए जाने से पहले कहा था, “शिंदे राज्य में गुंडों का साम्राज्य स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने उद्धव ठाकरे को धोखा दिया, वह भाजपा को भी धोखा देंगे। उन पर मेरे करोड़ों रुपये बकाया हैं। अगर महाराष्ट्र को अच्छी तरह से प्रशासित करना है तो शिंदे को पद छोड़ देना चाहिए। यह मेरी विनम्र अपील है फड़णवीस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से।”
समझा जाता है कि एक सत्तारूढ़ सहयोगी द्वारा सीधे तौर पर मुख्यमंत्री का नाम लेकर उन पर सार्वजनिक रूप से लगाए गए आरोपों से परेशान होकर प्रतिनिधिमंडल ने फड़णवीस को अपनी भावनाओं से अवगत कराया है और टिप्पणियों को “निराधार व अनुचित” करार दिया है।
गौरतलब है कि शुक्रवार देर रात (2 फरवरी) गणपत कालू गायकवाड़ ने घाटकोपर के हिल लाइन पुलिस स्टेशन के अंदर शिवसेना कल्याण-उल्हासनगर के नेता महेश गायकवाड़ पर गोली चला दी थी, जिससे बड़े पैमाने पर राजनीतिक हंगामा मच गया था।
महेश गायकवाड़ को छह गोलियां लगीं और उनके सहयोगी राहुल पाटिल को दो गोलियां लगीं।
सीएम शिंदे के गृहनगर ठाणे शहर के ज्यूपिटर अस्पताल में शनिवार को गायकवाड़ की गोलियां निकालने के लिए छह घंटे की आपातकालीन सर्जरी की गई और अब उनकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
घटना को गंभीरता से लेते हुए सीएम शिंदे और उनके बेटे कल्याण के सांसद डॉ. श्रीकांत ई. शिंदे, गायकवाड़ के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए कई बार अस्पताल गए हैं।
गणपत कालू गायकवाड़ 14 फरवरी तक पुलिस हिरासत में हैं। उनकी टिप्पणियां पार्टी कार्यकर्ताओं को अच्छी नहीं लगीं, क्योंकि वे लोकसभा चुनाव से पहले एक सहयोगी नेता की ओर से आई थीं।