Sunday, May 12, 2024

मुज़फ्फरनगर में शिवसेना के पश्चिम प्रदेश अध्यक्ष की गिरफ्तारी के विरोध में शिवसेना का प्रदर्शन

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मुज़फ्फरनगर। मुज़फ्फरनगर में गत कल क्रांति सेना के पश्चिमी प्रदेश अध्यक्ष ललित मोहन शर्मा को 24 साल पुराने एक मामले में कोर्ट ने जेल भेज दिया था। जिस का विरोध करते हुए क्रांति सेना ने गत कल ही विरोध प्रदर्शन के बाजार बंद करने का आह्वान किया था। नगर प्रशासन के आह्वान पर बाजार बंद के कार्यक्रम को रद्द करते हुए गिरफ्तारी के विरोध में सैकड़ों कार्यकर्ता व पदाधिकारियों ने आज प्रदेश कार्यालय से लेकर शिव चौक तक प्रदर्शन करते हुए पैदल मार्च किया। साथ ही शिवसेना पश्चिमी उत्तर प्रदेश महासचिव मनोज सैनी ने बीजेपी सरकार से हिंदूवादी नेताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की।

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थाना सिविल सिविल लाइन क्षेत्र के प्रकाश चौक स्थित शिवसेना के प्रदेश मुख्यालय पर शिवसेना पश्चिमी प्रदेश महासचिव मनोज सैनी के नेतृत्व में पदाधिकारी व सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन करते हुए मुजफ्फरनगर की हृदय स्थली शिव चौक पहुंचकर बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी की।

पश्चिम प्रदेश महासचिव मनोज सैनी ने अवगत कराया कि आज उत्तर प्रदेश सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया गया है उन्होंने कहा कि बार-बार मांग करने के बाद भी हिंदू नेताओं पर दर्ज मुकदमें पिछले 20 वर्षों में जो दर्ज हुए हैं। राष्ट्रवाद के कार्य करते हुए और गौ माता की रक्षा करते हुए हम लोगों पर दर्ज हुए हैं। सरकार ने उन मुकदमों को वापस नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि इसी कारण गत कल पश्चिमी प्रदेश अध्यक्ष ललित मोहन शर्मा को जेल जाना पड़ा जबकि सरकार के मंत्रियों के द्वारा हमें आश्वासन दिया गया था कि तुम्हारे सभी मुकदमे वापसी लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसीलिए आज फिर सरकार की आंखें खोलने के लिए प्रदर्शन कर मांग की है। कि कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं।

शिवसेना के पश्चिमी प्रदेश अध्यक्ष मनोज सैनी ने कहा कि कल बाजार बंद का आह्वान किया था। उसको प्रशासन के कुछ अधिकारियों के अनुरोध पर शिवसेना के केंद्रीय नेतृत्व के आदेश पर हमने बंद का आह्वान वापस लिया परंतु उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जो पहले से ही घोषित था।

मनोज सैनी ने कहा कि यदि हिंदूवादी नेताओं की सरकार में सुनवाई नहीं हुई तो आगामी आने वाले दिनों में भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों का घेराव किया जाएगा। और आने वाले लोकसभा चुनाव में भी नगरपालिका के चुनाव की तरह इनका बहिष्कार किया जाएगा।

 

 

 

 

 

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