जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के पहाड़ी कोरवा परिवार के चार सदस्यों के शव पेड़ की डाल में बंधे फंदे पर लटके मिले हैं। पति-पत्नी व दो बच्चों के शव मिलने से हर कोई हतप्रभ है। आशंका इस बात की है कि पति और पत्नी ने दोनों बच्चों की हत्या के बाद आत्महत्या की होगी। पुलिस मामले की जांच में लगी है।
मिली जानकारी के मुताबिक, बगीचा थाना क्षेत्र के सामरबहार पंचायत की झूमराडूमर बस्ती में राजूराम कोरवा अपनी पत्नी भिनसारी बाई और दो बच्चों चार साल की बेटी देवंती व एक साल के बेटे देवन राम के साथ रहता था। चारों सदस्यों के शव रविवार की सुबह घर के बाहर अमरूद के पेड़ से फांसी पर लटके हुए मिले हैं।
बगीचा थाना के सब इंस्पेक्टर एमआर साहनी ने बताया कि अभी तक आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है। महुआ बीनने को लेकर पड़ोसी से विवाद की बात सामने आई है, पर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है। पहाड़ी कोरवा संरक्षित जनजाति है। इस समुदाय में सामूहिक आत्महत्या की यह पहली घटना है।
घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर रवि मित्तल मौके पर पहुंचे और उन्होंने पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, जिला प्रशासन की ओर से मृतकों के परिवार को अंत्योदय राशनकार्ड, मनरेगा के तहत जाब कार्ड बनाया गया है। मजदूरी का भुगतान भी किया गया है। परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया है। मकान बनकर तैयार है। सामूहिक आत्महत्या के पीछे आर्थिक पिछड़ापन कारण नहीं है। इसके पीछे क्या कारण है, इसकी जांच की जा रही है।
वहीं इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है। भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील गुप्ता ने जांच टीम गठित कर दी है। इस टीम में जिला पंचायत अध्यक्ष रायमुनी भगत की अध्यक्षता में जिला पंचायत सदस्य गेंदबिहारी राम, सावन राम, केशव यादव एवं पंडरापाठ महामंत्री देवलाल भगत शामिल हैं।