नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार के नेतृत्व में देश का हर राज्य विकास के पथ पर अग्रसर है। यहां तक कि पूर्वोत्तर राज्यों ने भी विकास की नई इबारत लिखी है, जिसे देखकर आप बदलते दौर के भारत का अंदाजा लगा सकते हैं, जो दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। इंफो इन डाटा की ओर से अलग-अलग राज्यों की सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) और प्रति व्यक्ति आय (2022-23) का आंकड़ा इस बात को साबित करता है। ये आंकड़े देश के आर्थिक परिदृश्य को उजागर कर रहे हैं। इन आंकड़ों से राज्यों के बीच आर्थिक अंतर और उनकी प्रगति की तस्वीर साफ होती है। सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण यह आंकड़े दर्शाते हैं कि महाराष्ट्र 36.46 लाख करोड़ रुपए के साथ सबसे बड़ी जीएसडीपी वाले राज्य के रूप में अग्रणी है।
वहीं, सिक्किम ने प्रति व्यक्ति जीएसडीपी के मामले में 6.25 लाख रुपए के साथ प्रमुख स्थान हासिल किया है। यह आंकड़ा सिक्किम के समृद्ध और समावेशी विकास को दर्शाता है। इंफो इन डाटा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, “भारत अपनी विकास यात्रा पर आगे बढ़ रहा है। यहां सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) और प्रति व्यक्ति आय (2022-23) का एक तुलनात्मक चार्ट दिया गया है। यह राज्यों में आर्थिक पैटर्न को उजागर करता है।” इसमें बताया गया है, “महाराष्ट्र 36.46 लाख करोड़ रुपए के जीएसडीपी के साथ देश में सबसे आगे है। दूसरी तरफ सिक्किम 6.25 लाख रुपए प्रति व्यक्ति जीएसडीपी के साथ शीर्ष स्थान पर है।” अगर राज्यों की बात करें तो उत्तर प्रदेश 22.84, तमिलनाडु 23.93, गुजरात 22.03, कर्नाटक 22.7, मध्य प्रदेश 12.46, बिहार 7.46 और दिल्ली 10.15 लाख करोड़ सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) रखता है। वहीं, प्रति व्यक्ति जीएसडीपी (लाख में) में दक्षिणी भारतीय राज्यों ने अच्छा प्रदर्शन किया है।
इसमें तेलंगाना 3.46, कर्नाटक 3.37, तमिलनाडु 3.12, केरल 2.87, आंध्र प्रदेश 2.46 रखता है। जबकि, देश की राजधानी दिल्ली 4.84, महाराष्ट्र 2.91, गुजरात 3.12, अरुणाचल प्रदेश 2.27, उत्तराखंड 2.64, हिमाचल प्रदेश 2.58, पंजाब 2.23 और हरियाणा 3.3 प्रति व्यक्ति जीएसडीपी (लाख में) रखता है। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि भारत के विभिन्न राज्य अपनी-अपनी अनूठी विशेषताओं और आर्थिक ताकत के साथ विकास की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। इन आंकड़ों के जरिए राज्यवार विकास की प्रवृत्तियों का आकलन किया जा सकता है, जो समग्र राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं। भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर इन आंकड़ों से यह भी संकेत मिलता है कि विकास के क्षेत्र में सभी राज्य अपनी-अपनी भूमिकाएं निभा रहे हैं और देश के समृद्धि की दिशा में योगदान कर रहे हैं।