इस्लामाबाद। सिंधू नदी नहर प्रोजेक्ट के खिलाफ सिंध प्रांत में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान की वकील एसोसिएशन ने सरकार को चेतावनी दी है कि नहर परियोजना के खिलाफ शुरू हो रहे उनके विरोध प्रदर्शन के दूसरे चरण में, रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध किया जाएगा। एसोसिएशन ने 21 अप्रैल से पंजाब और सिंध के बीच चलने वाली रेलगाड़ियों के ट्रैक को जाम करेगी। वहीं स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने सिंधू नहर प्रोजेक्ट के विरोध में सिंध प्रांत में दो जगहों पर राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारी राजमार्ग पर खैरपुर जिले के बाबरलोई में बड़ी संख्या में बैठे हुए हैं।
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कराची बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आमिर वड़ैच ने शनिवार को धरना स्थल से बात करते हुए संघीय सरकार को परियोजना को खत्म करने के लिए दो दिन का समय दिया। आमिर इस आंदोलन की अध्यक्षता कर रहे हैं और प्रदर्शनकारियों के साथ धरना स्थल पर बैठे हैं। वड़ैच ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की आलोचना की और कहा कि सरकार एक उप-राष्ट्रवादी इकाई की तरह काम करती है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य पंजाब के हितों को आगे बढ़ाना है। उन्होंने संघीय सरकार पर आरोप लगाया कि वह सिंध में डॉक्टरों, इंजीनियरों, शिक्षकों, लेखकों, कवियों, वकीलों, पत्रकारों, छात्रों, महिलाओं और बच्चों सहित सभी वर्गों द्वारा नहर परियोजना के खिलाफ किए जा रहे विरोध के प्रति उदासीन बनी हुई है।
पाकिस्तान के ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंध उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अयाज टुनियो ने सरकार को धमकी देते हुए कहा कि जब तक सरकार परियोजना को रद्द करने की अधिसूचना जारी नहीं करती, तब तक प्रदर्शनकारी घर नहीं लौटेंगे। इस बीच, पाकिस्तान सरकार के सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी), सिंधु नदी पर छह नहरों के निर्माण को लेकर फिर से आमने-सामने आ गए। जियो न्यूज से बात करते हुए, पीएमएल-एन नेता राणा सनाउल्लाह ने शनिवार को कहा कि नहरों के लिए पीपीपी का विरोध केवल प्रचार है और इस मुद्दे को उठाने का कारण राजनीतिक लाभ है।
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सनाउल्लाह ने कहा, “पीपीपी सरकार का हिस्सा है और उसे पूरी जिम्मेदारी के साथ बोलना चाहिए; पानी का मुद्दा इतना संवेदनशील है कि इसका इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए नहीं किया जा सकता।” उनका यह बयान पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी की ओर से सिंधु नदी पर विवादास्पद नहर परियोजना को स्थगित न किए जाने पर सरकार से बाहर निकलने की धमकी के एक दिन बाद आया।
हैदराबाद में शुक्रवार देर रात हटरी बाईपास मैदान में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने शहबाज सरकार को यह चेतावनी दी। बिलावल ने कहा कि कि अगर पीपीपी की आपत्तियों को स्वीकार करने के बाद भी संघीय सरकार विवादास्पद परियोजना को वापस नहीं लेती है तो उनकी पार्टी आगे साथ नहीं चल पाएगी। पीपीपी प्रमुख ने कहा कि वे (संघीय सरकार) न तो अपने गठबंधन सहयोगी की बात सुन रहे हैं और न ही नई नहरें बनाने के फैसले को वापस ले रहे हैं।
पाकिस्तानी सरकार ने ग्रीन पाकिस्तान इनिशिएटिव के तहत 3.3 अरब डॉलर की लागत से छह नहरों का निर्माण करने की योजना बनाई है, जिससे दक्षिण पंजाब में 12 लाख एकड़ कथित बंजर भूमि को सिंचित किया जाएगा। हालांकि, सिंध प्रांत ने इस फैसले पर कड़ा विरोध जताया है। सिंध सरकार को आशंका है कि इन नहरों के निर्माण से सिंधु नदी से उसके हिस्से का पानी कम हो जाएगा।