कानपुर। पनकी थाना क्षेत्र में रविवार को बंद कमरे में कानपुर देहात में कार्यरत अध्यापक दयाराम (48) का जला शव मिला था। मामले की जांच कर रही पुलिस ने चौबीस घंटे के भीतर ही घटना के खुलासे के नजदीक पहुंच गई। पुलिस का दावा है कि अधिवक्ता ने अवैध संबंध के चलते अध्यापक को बंद कमरे में आग लगाकर जिंदा जलाया है। घटना में दो लोग और शामिल हैं, जिसको लेकर पुलिस की जांच जारी है।
पुलिस उपायुक्त पश्चिम विजय ढुल ने सोमवार को बताया कि रविवार को अनुज ने फोन पर सूचना दी थी कि उसके अध्यापक भाई फतेहपुर निवासी दयाराम को अधिवक्ता संजीव कुमार ने पनकी थाना क्षेत्र के पतरसा इलाके में अपने मकान के कमरे में बंद कर दिया है। पूरे कमरे को आग हवाले कर दिया है। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक अध्यापक की आग में जिंदा जलकर मौत हो चुकी थी।
पीड़ित अनुज की तहरीर पर अधिवक्ता संजीव कुमार, संगीता और पवन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। अधिवक्ता संजीव कुमार को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई तो पता चला कि अध्यापक की पत्नी संगीता से उसके अवैध संबंध है। जबकि अध्यापक पति से संगीता का विवाद चल रहा है, जो मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
अधिवक्ता ने अवैध संबंध के साथ ही अध्यापक को जिंदा जलाने की भी बात कबूल कर ली है। दो अन्य आरोपितों के खिलाफ अभी किसी प्रकार का साक्ष्य नहीं मिला है, लेकिन मामले की जांच पड़ताल चल रही है। फिलहाल तीनों आरोपित पुलिस हिरासत में हैं।
बताया जाता है कि अवैध संबंधों में बाधा बन रहे दयाराम को रास्ते से हटाने की योजना उनकी पत्नी संगीता काफी समय से बना रही थी। दयाराम को रास्ते से हटाने की जानकारी संगीता की बहन को भी थी। संगीता की बहन ने दयाराम को फोन कर कहा भी था कि मास्टर साहब सचेत हो जाओ, बहन तुमको मरवाने की तैयारी कर रही है।