नई दिल्ली। वित्त मंत्री ने कहा कि कर अपील दाखिल करने की मौद्रिक सीमा आईटीएटी के लिए 60 लाख रुपये, उच्च न्यायालयों के लिए दो करोड़ रुपये और सर्वोच्च न्यायालय के लिए पांच करोड़ रुपये तक बढ़ाई गई है। सभी वर्गों के निवेशकों के लिए एंजल टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव किया गया है। विदेशी कंपनियों पर कॉर्पोरेट टैक्स की दर 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत की जाएगी।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि अगले छह महीनों में सीमा शुल्क ढांचे की व्यापक समीक्षा की जाएगी। ई-कॉमर्स पर टीडीएस दर को घटाकर 0.1 प्रतिशत किया जाएगा। धर्मार्थ कार्यों के लिए दो कर छूट व्यवस्थाओं को एक में मिला दिया जाए। कर दाखिल करने की तिथि तक टीडीएस में देरी को अपराधमुक्त करने का प्रस्ताव किया गया है।
उन्होंने कहा कि आयकर अधिनियम 1961 की व्यापक समीक्षा की जायेगी और इससे विवाद तथा मुकदमेबाजी कम होगी। इसे छह महीने में पूरा करने का प्रस्ताव है।
वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार में विष्णुपद मंदिर गलियारा और महाबोधि मंदिर गलियारा को विश्व स्तरीय तीर्थ और पर्यटन स्थलों में तब्दील किया जाएगा। इसके साथ ही राजगीर का व्यापक विकास किया जाएगा और नालंदा को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय को उसके गौरवशाली स्वरूप में पुनर्जीवित किया जाएगा। ओडिशा को एक सर्वश्रेष्ठ पर्यटन केंद्र बनाने के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि आम बजट 2024-25 रोज़गार, मध्यम वर्ग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) और कौशल प्रशिक्षण पर केन्द्रित है और इन्हें चार जातियों -गरीब, महिला, युवा एवं किसान पर फोकस किया गया है। श्रीमती सीतारमण ने देश के चतुर्दिक समृद्धि एवं सशक्त विकास का पथ के नौ बिन्दुओं की चर्चा करते हुए कहा कि ये बिन्दु – कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और लचीलापन, रोजगार एवं कौशल, समावेशी मानव संसाधन विकास एवं सामाजिक न्याय, विनिर्माण एवं सेवाएँ, शहरी विकास, ऊर्जा संरक्षण, अवसंरचना, नवाचार, अनुसंधान एवं विकास तथा नई पीढ़ी के सुधार हैं। उन्होंने पांच योजनाओं के प्रधान मंत्री पैकेज की घोषणा की।