Sunday, February 23, 2025

दक्षिण भारत में सन्तों और मठों की स्थिति चिंताजनक,कठिन स्थिति केरल में : स्वामी विद्यानन्द

वाराणसी। धर्म नगरी काशी में आयोजित संस्कृति संसद के अन्तिम दिन रविवार को संतों ने दक्षिण भारत में सन्तों और मठों खासकर केरल में स्थिति पर चिंता जताई। सिगरा स्थित रूद्राक्ष कन्वेंशन सेटर में आयोजित समारोह में अखिल भारतीय सन्त समिति कर्नाटक प्रान्त के अध्यक्ष स्वामी विद्यानन्द सरस्वती ने कहा कि दक्षिण भारत में सन्तों और मठों की स्थिति चिंताजनक है।

सबसे कठिन स्थिति केरल में है, जहां कार्य करना कठिन है। कुछ क्षेत्रों में सन्तों को चुप होकर जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि केरल की कम्युनिस्ट सरकार के कारण वहां के लगभग 500 शेष बचे सन्तों का जीवन कठिनाई पूर्ण हैं और उन्हें निरंतर चुनौतियां मिल रही हैं। समारोह में

समिति के राष्ट्रीय संगठन मंत्री स्वामी प्रभाकरानन्द सरस्वती ने कहा कि केरल के वर्तमान सरकार में स्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि केरल में कुछ ऐसे मठ हैं, जहां आवश्यक सुविधाएं भी नहीं हैं, फिर भी सन्त कठिनाई का सामना करते हुए निरंतर कार्य कर रहे हैं। प्रभाकरानंद ने कहा कि इस विषम परिस्थिति से उबरने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर संतों द्वारा मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। यद्यपि केरल में हिन्दू बहुसंख्यक है फिर भी सनातन चेतना उनमें नहीं होने से धर्म-विस्तार में कठिनाई हो रही है।

भारत तेरे टुकड़े होंगे का ख्वाब देखने वाले देश के दुश्मन

समारोह में पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि ढाई मोर्चे का युद्ध सिर्फ भारत नही लड़ रहा है। हर दुश्मन ढ़ाई मोर्चे के युद्ध लड़ रहा है। आज ढ़ाई मोर्चे पर युद्ध लड़ने में हम इसलिए सक्षम है क्योंकि इस देश में स्थिर सरकार है। ढाई में जो आधा मोर्चा है उसका ज्यादा हिस्सा देश के विश्वविद्यालयों में खुला हुआ है। भारत तेरे टुकड़े होंगे का नारा लगाने वाले लोग उस आधे मोर्चे के हिस्सा हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम किसी विशेष वर्ग या पार्टी की बात नही कर रहे हैं। परन्तु भारत तेरे टुकड़े होंगे का ख्वाब देखने वाले लोग देश के दुश्मन हैं।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,854FansLike
5,486FollowersFollow
143,143SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय