गाजियाबाद। इंदिरापुरम क्षेत्र के रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर को साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर 11.69 लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने मनीलॉड्रिंग के मामले में उनका नाम शामिल होने और एक साल के कारावास की सजा डर दिखाकर मामले को रफा-दफा करने के नाम पर रुपये की मांग कर ठगी की। जब रुपये की मांग लगातार की गई तो उन्हें ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने साइबर अपराध थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर का कहना है कि तीन जून को टेलीकॉम रेगुलारिटी ऑथॉरिटी ऑफ इंडिया के नाम से उनके पास कॉल आई। कॉलर ने उन्हें बताया कि उनके नंबर के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत मुंबई में दर्ज हुई है। इसके बाद उनसे एक महिला ने बात कराई। उसने मुंबई पुलिस को कॉल ट्रांसफर की। फिर एक दूसरी महिला ने खुद को आईपीएस अधिकारी बताकर उनसे बात की। अधिकारी बनकर महिला ने बताया कि नरेश गोयल नाम के व्यक्ति द्वारा की गई दो करोड़ की मनीलॉड्रिंग के मामले में उनका नाम भी सामने आया है।
इस मामले में करीब 200 लोग शामिल हैं। नरेश के घर से उनके नाम का डेबिट कार्ड मिला है। ऐसे में उन्हें एक साल की जेल हो सकती है। पीड़ित का कहना है कि इससे वह डर गए और इसी बीच उस वर्दीधारी अधिकारी ने उन्हें वीडियो कॉल पर ले लिया। वीडियो कॉल पर उनके साथ एक दूसरा व्यक्ति भी वॉकी टॉकी के साथ बैठा हुआ नजर आया। एडीसीपी अपराध सच्चिदानंद ने बताया कि मामले में ठगी गई रकम को फ्रीज कराने का प्रयास किया जा रहा है। आरोपियों की तलाश भी की जा रही है।