मुज़फ्फरनगर – खतौली की एसडीएम खतौली मोनालिसा जौहरी की मौजूदगी में गांव भैंसी के दो पक्षों के बीच वार्ता के बाद पिछले तीन महीनों से चल रहे सार्वजनिक शमशान घाट के विवाद का समाधान हो गया है। एसडीएम मोनालिसा जौहरी ने बताया कि अब गांव निवासी दोनों पक्षों के मृतकों का अंतिम संस्कार सार्वजनिक शमशान घाट पर ही होगा।
गांव भैंसी निवासी बाल्मिकी समाज के लोग पिछले छह दशकों से गांव के बाहर एक ज़मीन पर ईंटों से बने चबूतरे पर अपने समाज के शवों का अंतिम संस्कार खुले में कर रहे थे। गांव निवासी जाट समुदाय के एक व्यक्ति ने इस ज़मीन को अपनी पैतृक भूमि बताकर बाल्मिकी समाज को यहां शवों का अंतिम संस्कार करने से रोक दिया था। इसके बाद लंबी थाना कचहरी के बाद बाल्मिकी समाज को इस ज़मीन से अपना दावा छोड़ना पड़ा।
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तीन महीने पहले, बाल्मिकी समाज के लोग अपने एक मृतक का अंतिम संस्कार करने के लिए शव को गांव के सार्वजनिक शमशान घाट पर ले गए थे, जहां गांव के दूसरे समाज के लोगों ने उन्हें रोक दिया। इस घटना के कारण दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया और पुलिस प्रशासन को मौके पर पहुंचकर स्थिति संभालनी पड़ी। इस मामले में बाल्मिकी समाज के एक युवक ने गांव प्रधान पर मारपीट का आरोप लगाकर थाने में तहरीर दी और मुकदमा दर्ज कराया।
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बाल्मिकी समाज पिछले तीन महीनों से अपने अलग शमशान घाट की मांग कर रहा था। बुधवार को एसडीएम मोनालिसा जौहरी ने ग्राम प्रधान अमित अहलावत और बाल्मिकी समाज के लोगों के साथ तहसील स्थित अपने कार्यालय में वार्ता की। लंबी वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने सार्वजनिक शमशान घाट में ही अपने शवों का अंतिम संस्कार करने पर सहमति जताई और विवाद का समाधान हो गया।
एसडीएम मोनालिसा जौहरी ने बताया कि गांव भैंसी स्थित सार्वजनिक शमशान घाट 22 बीघा ज़मीन में बना हुआ है। दोनों समुदायों के बीच वार्ता के बाद अपने शवों का अंतिम संस्कार सार्वजनिक शमशान घाट में करने की सहमति बनने के बाद विवाद का निपटारा हो गया। इस वार्ता के दौरान तहसीलदार श्रद्धा गुप्ता, नायब तहसीलदार अमित रस्तोगी, रालोद जिला उपाध्यक्ष हरपाल सिंह, भाकियू तोमर ब्लाक अध्यक्ष विशाल अहलावत, सफाई कर्मचारी संघ अध्यक्ष सुधीर बाल्मिकी, राजकुमार, सुरेश, प्रमोद, मेहरचंद, ब्रजपाल, आनंद, सुनील, बब्बू और सहेंद्र समेत कई ग्रामीण मौजूद रहे।