मुजफ्फरनगर- देश में लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन को लेकर बड़े नेता भले ही संजीदगी दिखा रहे हैं लेकिन मुजफ्फरनगर में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के स्थानीय नेताओं के बीच मतभेद एक बार फिर खुलकर सामने आ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा के 2022 के चुनाव में दोनों दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा था और मुजफ्फरनगर की 6 में से 5 विधानसभा सीटों पर राष्ट्रीय लोक दल के सिंबल पर चुनाव लड़ा गया था। राष्ट्रीय लोकदल के सिंबल पर चुनाव लड़ने वाले 5 में से 4 नेता मुज़फ्फरनगर से सौरभ स्वरुप, मीरापुर से चन्दन चौहान, पुरकाजी से अनिल कुमार और खतौली से राजपाल सैनी समाजवादी पार्टी के नेता थे, लेकिन इन चारों ने राष्ट्रीय लोकदल के सिंबल पर चुनाव लड़ा था जिनमें से चन्दन चौहान और अनिल कुमार रालोद के सिंबल पर चुनाव लड़कर विधायक चुने गए थे। बुढाना से रालोद के वरिष्ठ नेता राजपाल बालियान रालोद सिंबल पर और चरथावल से समाजवादी पार्टी के ही नेता पंकज मलिक चुनाव लड़कर विधायक बने हैं। खतौली में हुए उपचुनाव में भी गठबंधन के विधायक बने मदन भैया रालोद के ही नेता है।
विधानसभा चुनाव में गठबंधन के बाद नगर निकाय चुनाव में दोनों दलों में खुलकर विवाद की स्थिति सामने आई थी और उसके बाद लोकसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय लोक दल के इंडिया गठबंधन को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी के साथ एनडीए गठबंधन में जाने की बार बार चर्चा फैलती रही है, जिसे राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने हर बार सख्ती से नकारा है और इंडिया में ही बने रहने की घोषणा की है। लेकिन धरातल पर दोनों ही दलों के नेताओं के दिल अभी भी नहीं मिले हैं।
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट के लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक संभावित प्रत्याशियों में शामिल है जबकि राष्ट्रीय लोकदल इस सीट पर अपना प्रत्याशी चुनाव लड़ाना चाहता है। इसी कशमकश के बीच आज समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष जिया चौधरी का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है,जिसमें जिया चौधरी कह रहे हैं कि समाजवादी पार्टी के सहयोग,चंदे और कार्यकर्ताओं की मदद से चुनाव लड़े समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता और राष्ट्रीय लोकदल के वर्तमान विधायक चन्दन चौहान और अनिल कुमार समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के फोन ही नहीं उठाते हैं। जिया चौधरी का आरोप है कि रालोद के इन दोनों विधायकों समेत खतौली से रालोद के उपचुनाव में जीते विधायक मदन भैया भी समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के फोन नहीं उठाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि रालोद के विधायक समाजवादी पार्टी को तोड़ रहे है।
जिया चौधरी के इस बयान से जिले की राजनीति फिर गरमा गई है और राष्ट्रीय लोकदल व समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर फिर सवाल पैदा हो रहे हैं कि आखिर समाजवादी पार्टी के नेताओं में राष्ट्रीय लोकदल के नेताओं के प्रति इतना अविश्वास क्यों है ?
आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष जिया चौधरी पूर्व में भी राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के लिए विवादित बयान दे चुके हैं, जिसमें उन्होंने यहां तक कह दिया था कि जयंत चौधरी को समाजवादी पार्टी ने उनकी हैसियत से बढ़कर सम्मान दिया है, जिसको लेकर विवाद पैदा हुआ था। जिया चौधरी का यह बयान अब फिर गठबंधन के लिए एक नया सिर दर्द बनकर सामने आ रहा है, जिस पर सभी की नज़र लगी हुई है। सुने जिया का पूरा बयान-