अलीगढ़। अलीगढ़ अब हरिहरगढ़ के नाम से जाना जाएगा। नए नाम के प्रस्ताव पर अलीगढ़ नगर निगम बोर्ड ने मुहर लगा दी। अलीगढ़ नगर निगम बोर्ड की बैठक में भारतीय जनता पार्टी पार्षद संजय पंडित ने अलीगढ़ का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव में उन्होंने अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिहरगढ़ रखने की मांग की। बैठक में प्रस्ताव आते ही विपक्षी पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। भाजपा के नाम में बदलाव के एजेंडे को लेकर जमकर बवाल हुआ। हालांकि, भाजपा पार्षदों के बहुमत वाली नगर निगम बोर्ड ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। अब नगर निगम बोर्ड से पास प्रस्ताव को सरकार के पास भेजा जाएगा। सरकार की मंजूरी मिलने के बाद अलीगढ़ शहर और जिला नए नाम से जाना जाने लगेगा। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले अलीगढ़ का नाम बदलने के प्रस्ताव को पास किए जाने को लेकर अब राजनीतिक चर्चा भी गरमाने की उम्मीद की जा रही है।
आपको बता दें कि अलीगगढ़ नगर निगम बोर्ड की पहली बैठक करीब 11 घंटे तक चली। इस बैठक में जमकर हंगामा हुआ। नगर निगम की कार्यप्रणाली से गुस्साए पार्षदों ने जमकर हंमामा किया। पार्षदों के सवालों का जवाब अधिकारी नहीं दे पाए। जलकल, विज्ञापन, रोड लाइट, स्वास्थ्य, निर्माण और उद्यान विभाग में अनियमितता व्यवस्था होते हैं। बैठक की अध्यक्षता मेयर प्रशांत सिंघल ने की। इसमें नगर आयुक्त अमित आसेरी, अपर नगर आयुक्त रितु पुनिया एवं राकेश कुमार यादव और सीटीओ अशोक सिंह मुख्य रूप से मौजूद रहे।
नगर निगम की बोर्ड की पहली ही बैठक के दौरान बीजेपी पार्षद संजय पंडित की ओर से अलीगढ़ का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा गया। संजय पंडित ने जैसे ही यह प्रस्ताव रखा, नगर निगम बोर्ड की बैठक में हंगामा मच गया। विपक्षी पार्षदों की ओर से इस पर हंगामा किया जाने लगा। वहीं, भाजपा पार्षदों ने मेज थपथपाकर इस प्रस्ताव का स्वागत किया। बैठक में भाजपा पार्षदों ने प्रस्ताव पर अपनी सहमति जताई। इसके बाद इसे पास कर दिया गया। अब नगर निगम बोर्ड के पास प्रस्ताव को सरकार को भेजा जाएगा। योगी आदित्यनाथ सरकार नगर निगम बोर्ड से पास प्रस्ताव को लागू कर अलीगढ़ का नाम हरिहरगढ़ कर सकती है।