लखनऊ। राप्तीगंगा (15005) गोरखपुर-देहरादून एक्सप्रेस में तीन सांसदों के नाम पर दूसरे लोगों के यात्रा करने के मामले में रेल प्रशासन ने लखनऊ तक ड्यूटी करने वाले टीटीई को निलंबित कर दिया है। टीटीई प्रशांत श्रीवास्तव पर आरोप है कि इस प्रकरण में उन्होंने समय से सूचना कंट्रोल रूम को नहीं दी। इस मामले में जांच हो रही है।
आपको बता दें कि शनिवार को (15005) के एसी कोच में गोरखपुर से हरिद्वार के लिए चार सांसदों के ए-1 कोच में 12 सीटें आरक्षित थीं। ट्रेन में चार की जगह सिर्फ एक सांसद मौजूद थे। बाकी आरक्षित अन्य सीटों पर सांसद नहीं आए। सांसद के नाम पर आरक्षित ए-1 में 19 से 21 और 25 से 27 नंबर की सीटों पर अन्य यात्री सवार थे। जबकि चौथे सांसद के नाम 31 से 33 नंबर की सीटें खाली रहीं।
इस बीच मामले की सूचना रेलवे बोर्ड की एंटी फ्राॅड टीम को मिली तो छानबीन होने लगी। सांसद के नाम पर बुक सीटों को लखनऊ से बोर्डिंग दर्शाया गया था, इसलिए लखनऊ से ट्रेन के चेकिंग स्टाॅफ को अलर्ट कर दिया गया। लखनऊ में ट्रेन में एसी कोच की जांच की गई। पता चला कि जिन सांसदों के नाम पर आरक्षित सीटें थीं, उन पर बिना टिकट यात्री सवार थे। ट्रेन कंडक्टर विनीत कुमार ने संबंधित यात्रियों का ब्योरा मांगा। ट्रेन के रामपुर पहुंचने के बाद यात्रियों से किराया व जुर्माना राशि 10320 रुपये वसूल की गई।