नोएडा । जनपद गौतमबुद्ध नगर के तुस्याना गांव में हुए अरबों रुपए के जमीनी घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किए गए भाजपा एमएलसी नरेंद्र भाटी के छोटे भाई तथा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के प्रबंधक कैलाश भाटी को जेल की बजाय ग्रेटर नोएडा स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में भर्ती करने तथा वहां पर उनको अस्पताल प्रशासन द्वारा पांच सितारा होटल जैसी सुविधा प्रदान किए जाने की वीडियो स्टिंग ऑपरेशन में सामने आई है।
इस वीडियो के बाद उत्तर प्रदेश के डीजी जेल ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं, जबकि गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) को इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इस वीडियो के सामने आने के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है।
जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर मनीष वर्मा ने बताया कि एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया है। इसमें एक वीडियो वायरल हो रही है, जिसमें थाना ईकोटेक- 3 पुलिस द्वारा तुस्याना गांव में हुए करोड़ों रुपए के जमीन घोटाले के मामले में गिरफ्तार कैलाश भाटी को जिम्स अस्पताल में भर्ती करवाया गया है तथा वहां पर वह कथित रूप से उपचाराधीन है, जबकि वीडियो में वह सरेआम घूमते हुए दिखाई दे रहे है, और उनसे मिलने के लिए महिला पुरुष वहां पर आसानी से पहुंच रहे हैं।
वहां पर उनकी निगरानी में तैनात पुलिसकर्मी भी उनके वार्ड से दूर एक कमरे में आराम करते हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण की जांच अपर जिलाधिकारी नितिन मदान को सौंपी गई है। वह जांच करके उन्हें रिपोर्ट देंगे।
इस मामले में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (कारागार प्रशासन) एस एन साबत ने ट्वीट करके अपना पक्ष रखा है। उन्होंने बताया है कि इसकी जांच जनपद गौतमबुद्ध नगर के जेल सुपरिटेंडेंट अरुण प्रताप सिंह को सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि गौतमबुद्ध नगर के जेल सुपरिटेंडेंट द्वारा राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक को तीन पत्र भेजे गए। पहला पत्र 12 मार्च, दूसरा पत्र 4 अप्रैल, और तीसरा पत्र 15 अप्रैल को भेजा गया कि वह उनके जेल में निरुद्ध बंदी कैलाश भाटी को वापस जेल में भेज दें, लेकिन केवल एक पत्र का जवाब जिम्स प्रशासन द्वारा दिया गया और कहा गया कि कैदी अभी उपचाराधीन है।
इस पूरे मामले ने जनपद में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गयी है। अरबो के जमीन घोटाले में गिरफ्तार कैलाश भाटी की जमानत याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट से खारिज हो चुकी है। कैलाश भाटी लंबे समय तक ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में मैनेजर के रूप में तैनात रहे थे। इसी दौरान तुस्याना गांव में अरबों रुपए का भूमि घोटाला हुआ। इस घोटाले के मास्टरमाइंड राजेंद्र सिंह को फायदा पहुंचाने के लिए कैलाश भाटी ने जालसाजी की। गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने कैलाश को पिछले साल 16 नवंबर को गिरफ्तार किया था। उस पर आईपीसी की धारा 406, 420, 467, 468, 471, 120 -बी के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है।
पहले गौतम बुद्ध नगर जिला न्यायालय और फिर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 24 जनवरी 2023 को यह कहते हुए कैलाश भाटी की जमानत याचिका खारिज की आरोपी ऊंचे पद पर कार्यरत व रसूखदार व्यक्ति है। शिकायत करने वाले ने उससे अपनी जान को खतरा बताया है। आरोपी गवाहों को प्रभावित कर सकता है। मामले की खूबियो और खामियों पर कोई राय व्यक्त किए नहीं बिना यह न्यायालय आवेदक को जमानत देने के लिए आधार नहीं पाती है।लिहाजा जमानत अर्जी खारिज की जाती है।
बता दें कि कैलाश भाटी भाजपा एमएलसी नरेंद्र भाटी के छोटे भाई हैं। नरेंद्र भाटी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के काफी रसूखदार नेता है। पूर्व में वह सपा सरकार में मानद मंत्री, विधायक और एमएलसी भी रह चुके हैं। सपा सरकार में उन्होंने आईएएस अधिकारी दुर्गा नागपाल का ट्रांसफर करवा दिया था जिसकी सुर्खियां पूरे देश में फैली थी। 90 के दशक से यह परिवार पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में अहम मुकाम रखता है।