खाना बनाने में हम बहुत से मसालों का प्रयोग करते हैं। ये न सिर्फ भोजन को महक और स्वाद देते हैं बल्कि ये सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं। मसालों को खाने की खुशबू बढ़ाने के लिए उसमें प्रयोग किया जाता है लेकिन इनका काम सिर्फ भोजन को खुशबू प्रदान करना या उसका स्वाद बढ़ाना भर नहीं है। इससे कहीं अधिक इनका काम हमें जरूरी पोषण देना है। इनसे हमें विटामिन बी, विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन आदि पोषक तत्व मिलते हैं।
पेश हैं कुछ मसालों के विषय में जानकारी-
तेजपत्ता- इसका इस्तेमाल खाने की महक बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसके खाने से भूख भी बढ़ती है। साथ ही यह कफ में भी फायदेमंद रहता है किंतु पित्त बढ़ाता है, इसलिए इसका कम ही प्रयोग करना चाहिए। चाय बनाने में भी इसका प्रयोग किया जाता है। इससे पाचन क्रिया ठीक रहती है तथा सांस की बीमारी में भी राहत मिलती है।
तेजपत्ता, दाल चीनी, लौंग और इलायची के साथ पुलाव में भी प्रयोग किया जाता है। इससे यह आसानी से पचाया जा सकता है। यह सूप, दाल, ग्रेवी आदि में साबुत ही डाला जाता है एवं पकने के बाद निकाल लिया जाता हैै।
काली मिर्च- काली मिर्च कई रोगों के उपचार में काम आती है। इससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसका अनेक आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में प्रयोग किया जाता है। यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर करने में मदद करती है।
यह रक्त संचार ठीक रखती है। भूख भी बढ़ाती है। सांस लेने में भी फायदा पहुंचाती है। यह भी गर्म होती है और शरीर को गर्मी पहुंचाती है। जोड़ों के दर्द में भी फायदा पहुंचाती है। कफ आदि में यह भी खूब फायदा करती है मगर पित्त बढ़ाती है।
अजवायन- अजवायन को भोजन को सुपाच्य बनाने के इरादे से डाला जाता है। यह स्वाद में हल्की सी कड़वी होती है। इसके प्रयोग से भूख तो बढ़ती ही है। पाचन क्रि या भी ठीक रहती है। शरीर की सफाई में मददगार होती है। पेट में दर्द या गैस बनने पर अजवायन को काले नमक और हींग के साथ लेना फायदेमंद रहता है। अक्सर ज्यादा तले-भुने पराठों या पकौड़ों में अजवायन डाली जाती है। इससे उन्हें पचाने में मदद मिलती है। इससे श्वसन तंत्र और गुर्दे सुचारू रूप से काम करते हैं। यदि चावलों में अजवायन डालकर बनाया जाये तो इसकी महक भूख बढ़ा देती है।
इलायची- यह पेट फेफड़ों और गले आदि को सही ढंग से काम करने देती है। इससे पाचन क्रि या ठीक रहती है। इसका प्रयोग पेटदर्द और कब्ज में आराम पहुंचाता है। दांतों के संक्रमण को दूर करने मेंं भी फायदेमंद है। सांप और बिच्छू के काटने पर यह दवा का काम भी करती है।
लौंग- यह भी दांतों के संक्रमण में फायदेमंद है। पेट की सफाई करती है। भूख बढ़ाने के लिए भी यह उपयुक्त है। सांसों की बदबू दूर करने के लिए भी यह प्रयोग की जाती है।
काला नमक- इससे पाचन क्रिया ठीक रहती है। अजवायन को काली मिर्च के साथ इसे पीसकर नींबू के पानी में डालकर पिएं तो पेट ठीक रहता है। काले नमक, भुने जीरे के साथ इसे लस्सी में डालकर पीने से पाचन क्रिया ठीक रहती है।
हल्दी- खाने का रंग बहुत कुछ हल्दी पर निर्भर रहता है। यह खाने का स्वाद भी बढ़ाता है मगर फायदेमंद भी खूब है। खासकर डायबिटीज के मरीजों के लिए हल्दी कोलेस्ट्रॉल भी कम करती है। इस तरह डाइटिंग करने वालों के लिए खूब फायदेमंद है। पाचन क्रि या बढ़ाती है। दमे के प्रकोप से बचाती हैै। शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है।
सरसों- इसका प्रयोग भी भोजन में मसाले के रूप में किया जाता है, खासतौर पर छौंक में। इसका घी में छौंक बनाकर पकी दाल या सब्जी में डालने से वे सुपाच्य बनती है। इससे भूख भी बढ़ती है।
– शिखा चौधरी