मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् की चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने कार्यभार संभालने के बाद अब पालिका में लटके पड़े शहर विकास के कई प्रमुख प्रस्तावों की पड़ताल शुरू करते हुए बंद फाइलों में ठिठके विकास को गति देने का काम शुरू कर दिया है।
अंजू अग्रवाल के नेतृत्व वाले निवर्तमान बोर्ड के जो प्रस्ताव पारित होने के बाद भी राजनीतिक खींचतान के कारण बिना टेंडर के अधर में लटके हैं, उनके नए सिरे से टेंडर के आदेश दिए गए हैंं। इनमें शहर में एसी लोकल बस चलाने, मजदूरों के लिए लैबर सेंटर के निर्माण, गरीबों के लिए एम्बुलेंस और श्मशान घाट में शव रखने के लिए डीप फ्रीजर सहित शहर के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव शामिल हैं।
नगर पालिका के निवर्तमान बोर्ड के 35 प्रस्ताव ऐसे हैं, जिनके न तो काम हुए और न ही टेंडर की प्रक्रिया पूरी हुई। मीनाक्षी स्वरूप ने निर्माण विभाग से उन सभी कार्यों की फाइल तलब की, जो वर्तमान में चल रहे हैं। ऐसे 35 कार्य भी सामने आए, जिन पर पालिका टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी नहीं कर पाई। इन प्रस्तावों में कई ऐसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव हैं, जो सीधे जनता से जुड़े हैं। इनमें शहर में पांच लेबर सेंटर बनाने का प्रस्ताव भी शामिल है। इसके अलावा एसी बस खरीदना भी शामिल है, जो बाईपास से शहर के लोगों को लाने-ले जाने का काम करेगी। जनकपुरी स्थित शमशान घाट में शवों के लिए फ्रीजर खरीदने, आम जनता के लिए एंबुलेंस समेत अन्य प्रस्ताव शामिल हैं।
चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने ईओ हेमराज को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वह निवर्तमान बोर्ड के बचे हुए प्रस्तावों की टेंडर प्रक्रिया पूरी कराएं। किसी भी तरह की लापरवाही पालिका के कार्यों में नहीं होनी चाहिए।
नगरपालिका की चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने इस सम्बंध में बताया कि नगर पालिका में बोर्ड के जिन प्रस्तावों पर दो सालों से काम नहीं हो पाया है, उन सभी को निकाल लिया गया है। इन सबकी टेंडर प्रक्रिया दोबारा कराई जाएगी। इनमें शहर के हित के लिए कई विकास प्रस्ताव शामिल है, जिन पर काम होना चाहिए था, लेकिन किसी कारणवश नहीं हो पाया, अब इस अधूरे विकास को अंजाम तक हम पहुंचाने का काम करेंगे।
पालिका के अधिशासी अधिकारी हेमराज सिंह ने बताया कि निवर्तमान बोर्ड के उन 35 प्रस्तावों पर टेंडर की प्रक्रिया दोबारा की जाएगी, जिन पर आज तक कोई काम नहीं हो पाया था। चेयरपर्सन के आदेश पर इन कार्यों की पत्रावलियों को निकलवाया जा रहा है।
बता दें कि 13 जुलाई 2022 की बोर्ड बैठक में पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल ने कई विकास प्रस्ताव बैठक में पारित कराये थे, इससे पहले कि वो इन प्रस्तावों को गति प्रदान करा पातीं, 19 जुलाई को उनके अधिकार सीज कर दिये गये थे।