लखनऊ। सहारा ग्रुप के मुखिया सुब्रत राय गुरुवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। गोमती नदी के किनारे बैकुंठ धाम पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। सुब्रत राय के 16 वर्षीय पौत्र हिमांक ने मुखाग्नि दी। उनके दोनों बेटे सुशांतो और सीमांतो भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए। दोनों ही बेटे विदेश में हैं और अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उपस्थित नहीं हो पाए। पोते हिमांक रॉय ने भी लंदन से लखनऊ पहुंचकर अपने दादा का अंतिम संस्कार किया।
अपने बेटों की शादी में लख़नऊ में बड़ा मजमा लगा देने वाले सुब्रत राय जीवन के अंतिम पलों में केवल तन्हा थे। अंतिम समय में उनकी पत्नी और बेटों समेत परिवार का कोई भी सदस्य उनके पास नहीं था। पोते हिमांक के साथ पत्नी स्वप्ना राय ज़रूर अंतिम संस्कार में शामिल होने आयी।
सुब्रत राय की अंतिम यात्रा में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, सिने स्टार व कांग्रेस नेता राजबब्बर, राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी समेत अन्य लोग शामिल हुए। वहीं अपने मुखिया को आखिरी विदाई देने के लिए सहारा परिवार के हजारों कर्मचारी भी पहुंचे।
यूपी विधानसभा में कांग्रेस की नेता आराधना मिश्रा मोना और अनुग्रह नारायण सिंह, अम्मार रिज़वी जैसे अन्य कांग्रेस नेता भी नजर आए। पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल और यूपी के मंत्री नितिन अग्रवाल के अलावा स्मिता ठाकरे और बॉलीवुड गायक सोनू निगम भी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। सुन्नी धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने भी वहां जाकर शोक व्यक्त किया।
उल्लेखनीय है कि सुब्रत राय का लंबी बीमारी के चलते मुंबई के कोकिला बेन अस्पताल में इलाज के दौरान मंगलवार की देर रात निधन हो गया था। उनके पार्थिव शरीर को बुधवार को लखनऊ लाया गया। सहारा शहर स्थित उनके निज निवास पर उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। बड़ी संख्या में लोगों ने सहारा शहर पहुंच कर श्रद्धांजलि अर्पित की। गुरुवार को दोपहर बाद गोमती नदी के किनारे बैकुंठ धाम पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके परिजनों और सहारा ग्रुप के कर्मचारियों समेत अन्य चाहने वालों ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी।