मुज़फ्फरनगर। वाणी साहित्य संस्था की एक साहित्यिक गोष्ठी 30 मार्च 2025 को आवास विकास कॉलोनी में वरिष्ठ साहित्यकार सुनीता मलिक सोलंकी के निवास पर संपन्न हुई। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती माता के चित्र पर पुष्प अर्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
गोष्ठी में सुनीता मलिक सोलंकी की ‘संक्रांति की खिचड़ी’ और ‘बाद उसके’ पुस्तकों का विमोचन किया गया।
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‘संक्रांति की खिचड़ी’ पुस्तक पर विचार व्यक्त करते हुए वाणी के अध्यक्ष बृजवेश्वर सिंह त्यागी ने कहा कि सुनीता जी ने भारतीय संस्कृति, रीति-रिवाज और त्योहारों को अपने लेखन के माध्यम से संजोया है, जो भविष्य के कवियों के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होगी।
वहीं, मुख्य वक्ता साहित्यकार योगेंद्र सोम ने ‘बाद उसके’ पुस्तक की विवेचना करते हुए कहा कि यह एक ग़ज़ल संग्रह है, जिसमें सुनीता जी ने सामाजिक, पारिवारिक और राजनीतिक मुद्दों को अपनी ग़ज़लों में प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है, जो उनकी साहित्यिक दृष्टि को दर्शाता है।
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वाणी संस्था की वार्षिक पुस्तक ‘उदिता’ पर चर्चा
गोष्ठी में वाणी संस्था की वार्षिक पुस्तक ‘उदिता’ पर भी चर्चा की गई, जिसका संपादन मनु स्वामी ने किया है। इस पुस्तक में मुज़फ्फरनगर के साथ-साथ देश के कई प्रसिद्ध साहित्यकारों की कहानियों और रचनाओं को स्थान दिया गया है।
गोष्ठी में सुशीला शर्मा, सुनील शर्मा, रामकुमार रागी, कमला शर्मा, सुशील साथी, सुमन प्रभा, वीना गर्ग, के. डी. कौशिक, ब्रजराज बालियान, सविता वर्मा ‘ग़ज़ल’, कुलश्रेष्ठ सपना अग्रवाल आदि साहित्यकार उपस्थित रहे।