नयी दिल्ली/नैनीताल। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को जारी अपने महत्वपूर्ण निर्णय में उत्तराखंड उच्च न्यायालय की शिफ्टिंग को लेकर प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर से दिये गये आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही प्रतिवादियों से जवाबी हलफनामा दायर करने को कहा है
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने विगत आठ मई को एक न्यायिक आदेश जारी कर प्रदेश सरकार को हाईकोर्ट शिफ्टिंग के लिये एक महीने के अदंर भूमि की व्यवस्था करने के आदेश दिये थे।
मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को इस मामले में सात जून तक अनुपालन रिपोर्ट सौंपने को कहा था।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन लगातार इस निर्णय का विरोध करती आ रही है। बार एसोसिएशन की ओर से उच्च न्यायालय के आदेश को विशेष अपील के माध्यम से उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गयी।
उच्चतम न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ में इस मामले में आज सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा एवं न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने इस प्रकरण में सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी। पीठ ने सभी पक्षकारों से जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है। अब इस मामले में ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद विस्तृत सुनवाई होगी।
उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन की ओर से न्यायिक आदेश का विरोध किया गया। स्थगनादेश की खबर मिलते ही उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं में खुशी की खबर फैल गयी।