Saturday, April 26, 2025

सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून की वैधता पर किया फैसला, 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ करेगी सुनवाई

नयी दिल्ली- उच्चतम न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता के तहत राजद्रोह कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को मंगलवार को पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ को विचार के लिए भेज दिया।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इसके साथ ही नए प्रस्तावित दंड संहिता में राजद्रोह प्रावधान को संशोधित करने वाला नया कानून लागू होने तक मामले की जांच स्थगित करने की केंद्र की याचिका भी खारिज कर दी।

केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत की इस पीठ के समक्ष कहा कि नए प्रस्तावित दंड संहिता में राजद्रोह प्रावधान को संशोधित किया गया है। प्रस्तावित कानून फिलहाल संसदीय स्थायी समिति के समक्ष विचाराधीन है।

[irp cats=”24”]

इस बीच वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी समेत अन्य ने पीठ के समक्ष कहा कि नया कानून बनने से आईपीसी की धारा 124ए की संवैधानिकता को चुनौती खत्म नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि नये कानून को पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू नहीं किया जा सकता।

शीर्ष अदालत ने 124ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई टालने के केंद्र के अनुरोध को भी अस्वीकार कर दिया।

पीठ ने कहा, “कई कारण हैं-धारा 124ए क़ानून की किताब में बनी हुई है और दंडात्मक क़ानून में नए कानून का केवल संभावित प्रभाव होगा और अभियोजन की वैधता 124ए तक बनी रहेगी और चुनौती का मूल्यांकन इस प्रकार किया जाना चाहिए।”

श्री सिब्बल ने कहा कि केदारनाथ सिंह मामले (पांच सदस्यी संविधान पीठ का फैसला, जिसने प्रावधान की संवैधानिकता को बरकरार रखा था) पर पुनर्विचार करने के लिए मामले को पांच न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष भेजा जा सकता है या तीन न्यायाधीशों की मौजूदा पीठ ही इस पर फैसला कर सकती है। उन्होंने कहा कि नया कानून बहुत खराब है। इसके रहते मुकदमा चलता रहेगा।

पीठ ने कहा कि उसे पांच न्यायाधीशों की पीठ का गठन करना होगा, क्योंकि पांच न्यायाधीशों की पीठ का फैसला उस पर बाध्यकारी है।

शीर्ष अदालत के 11 मई, 2022 के आदेश के कारण राजद्रोह कानून फिलहाल स्थगित है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय