नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पूर्व प्रमुख ई अबू बकर को स्वास्थ्य के आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया। जस्टिस एमएम सुंदरेश की अध्यक्षता वाली बेंच ने एम्स की मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद घर पर नजरबंदी का आदेश देने की मांग भी खारिज कर दी।
सुप्रीम कोर्ट ने 20 सितंबर को अबू बकर की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए एनआईए को नोटिस जारी किया था। दिल्ली हाई कोर्ट पहले ही 28 मई 2024 को अबू बकर की नियमित जमानत याचिका खारिज कर चुका है। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान बकर की ओर से कहा गया था कि संविधान की धारा 21 के तहत जीने के अधिकार का उल्लंघन किया जा रहा है।
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जीने के अधिकार में स्वास्थ्य का अधिकार और गरिमा के साथ जीने का अधिकार भी शामिल है। वह पार्किंसन की बीमारी से ग्रस्त है और वो अपने शरीर की सफाई भी नहीं कर सकता। उल्लेखनीय है कि पीएफआई के ठिकानों पर देशव्यापी कार्रवाई के बाद 2022 में अबू बकर को गिरफ्तार किया गया था।