भोपा। जनपद में बहुचर्चित सर शादीलाल डिस्टलरी एंड केमिकल वर्क्स (लाल डिस्टलरी) के अधिकारियों द्वारा 1960 में खरीदी गई जमीन पर कब्जे का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस विवादित जमीन को लेकर बीते दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने मंसूरपुर थाने में जमकर विरोध जताया था, इसके बाद उनकी सुरक्षा तक वापस ले ली गई थी, जिससे मामला और अधिक गर्मा गया।
आज शुकतीर्थ में स्थित सिद्ध पीठ माता पूर्णागिरी आश्रम में संत समाज ने संत गोपाल दास महाराज के नेतृत्व में बैठक की। इसमें संतों ने घटना पर कड़ा रोष व्यक्त किया व चेतावनी दी है। आपको बता दें कि इस विवाद को लेकर क्षेत्र के लोगों ने 19 जनवरी को एक बड़ी महापंचायत करने का ऐलान किया है। पंचायत को सफल बनाने के लिए क्षेत्र के लोग सक्रिय हैं और इस महापंचायत को साधु-संतों का भी भारी समर्थन प्राप्त हो रहा है।
गुरुवार को थाना भोपा क्षेत्र के शुकतीर्थ में स्थित सिद्ध पीठ माता पूर्णागिरी आश्रम में संत समाज ने संत गोपाल दास महाराज के नेतृत्व में बैठक की। इसमें संतों ने घटना पर कड़ा रोष व्यक्त किया और चेतावनी दी कि यदि मंसूरपुर डिस्टलरी और प्रशासनिक अधिकारी इस विवाद का समाधान नहीं करते और मंदिर व धर्मशाला के लिए खरीदी गई जमीन को सही उपयोग के लिए नहीं छोड़ा गया, तो संत समाज बड़ा आंदोलन करेगा।
संतों ने कहा कि फिलहाल प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है, जिसके कारण अधिकांश संत वहां व्यस्त हैं। महाकुंभ समाप्त होते ही संत समाज इस जमीन को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन करेगा। संतों ने यह भी कहा कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे डिस्टलरी की ईंट से ईंट बजा देंगे।
संत समाज और स्थानीय लोगों का कहना है कि यह जमीन डिस्टलरी के कर्मचारियों ने अपने एक दिन के वेतन से खरीदी थी, ताकि वहां मंदिर और धर्मशाला का निर्माण हो सके, लेकिन कुछ लोग इस जमीन को कब्जा कर बेचने का प्रयास कर रहे हैं। संत समाज ने कहा कि यह जमीन केवल मंदिर और धर्मशाला के लिए है। जमीन पर अन्य किसी प्रकार का कब्जा या व्यावसायिक उपयोग स्वीकार नहीं किया जाएगा। 19 जनवरी की महापंचायत को सफल बनाया जाएगा। महाकुंभ समाप्त होने के बाद बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
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