नयी दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामले में उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा की अंतरिम जमानत की अवधि शुक्रवार तक बढ़ा दी।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ तथा न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने श्री खेड़ा को अगली सुनवाई शुक्रवार तक अंतरिम राहत जारी रखने का आदेश पारित किया। पीठ ने असम सरकार की ओर से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद के अनुरोध पर (दोनों सरकारों) को अपना-अपना पक्ष रखने के लिए शुक्रवार तक समय दिया।
शीर्ष अदालत ने 23 फरवरी को श्री खेड़ा की गिरफ्तारी के कुछ ही घंटे बाद अंतरिम राहत दी थी। अदालत ने असम पुलिस द्वारा दर्ज मामले में उनकी रिट याचिका पर उन्हें अंतरिम जमानत दी थी।
श्री खेड़ा रायपुर कांग्रेस के अधिवेशन में भाग लेने के लिए रायपुर जा रहे थे, तभी दिल्ली हवाई अड्डे पर एक विमान से उतार कर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था।
शीर्ष अदालत की पीठ के समक्ष पिछली सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेता का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ए. एम. सिंघवी ने (याचिकाकर्ता श्री खेड़ा की ओर से) ‘अनजाने में की गई टिप्पणी’ के लिए बिना शर्त माफी मांगी थी।
कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता श्री खेड़ा पर 17 फरवरी 2023 को मुंबई में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में श्री मोदी के पिता पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है। इस मामले में असम में एक और उत्तर प्रदेश में दो प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं।