नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पूर्व जेएनयू छात्र और कार्यकर्ता उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी। दिल्ली दंगों की “बड़ी साजिश” में उमर खालिद यूएपीए के तहत सलाखों के पीछे हैं।
न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली पीठ समय की कमी के कारण यूएपीए की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं सहित कई मुद्दों पर सुनवाई नहीं कर सकी।
पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा, “हम इसे कल रखेंगे।”
खालिद की ओर से पेश हुए सिब्बल ने कहा कि वह गुरुवार को मामले पर बहस के लिए उपलब्ध नहीं होंगे क्योंकि वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की अल्पसंख्यक स्थिति के मुद्दे पर सुनवाई करने वाली 7-न्यायाधीशों की संविधान पीठ के समक्ष होंगे।
इसके अलावा, यह सुझाव दिया गया कि आतंकवाद विरोधी कानून के प्रावधानों को चुनौती देने वाले अन्य संबंधित विषयों पर सुनवाई शुरू हो सकती है। फिर पीठ दिन भर के लिए उठ गई और कहा, “हम कल देखेंगे।” पिछले हफ्ते भी उमर खालिद की जमानत पर सुनवाई स्थगित कर दी गई थी।
शीर्ष अदालत ने पहले इस बात पर जोर दिया था कि मामले में सुनवाई जरूरी है क्योंकि खालिद सलाखों के पीछे हैं और मामले को स्थगित करने पर आपत्ति जताई थी।