लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले की सरकारों में किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता था। संसद के हर सत्र में किसानों की आत्महत्या का मुद्दा उठता था।
2014 में देश की बागडोर संभालते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा। उन्होंने सॉइल हेल्थ कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा, कृषि सिंचाई, किसान सम्मान निधि जैसी कई योजनाएं शुरू की। किसानों को वैज्ञानिक शोध एवं इनोवेशन से जोड़ा। इसी का परिणाम है कि वर्ष 2018 से अन्नदाता किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना दाम मिलना प्रारंभ हुआ।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को पिकनिक स्पॉट रोड स्थित केंद्रीय औषधि एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) द्वारा आयोजित “किसान मेला” का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों का किसान प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप परंपरागत खेती के अलावा कृषि विविधिकरण भी अपना रहा है। इससे उनकी आय दोगुनी हुई है।
सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार ने उत्तर प्रदेश के किसानों को औषधीय खेती और बागवानी से भी जोड़ा है। उनके हर्बल प्रोडक्ट्स को प्रमोट कर रही है। इससे उत्तर प्रदेश का किसान अपने उत्पाद का कई गुना दाम प्राप्त कर रहा है। यह अन्नदाता किसानों के जीवन में परिवर्तन का एक बड़ा माध्यम बना है। उत्तर प्रदेश की भूमि अत्यंत उर्वरक है। यहां प्रचुर मात्रा में जल की उपलब्धता है। देश की 16 फीसदी आबादी उत्तर प्रदेश में रहती है। 11 फीसदी कृषि योग्य भूमि होने के बावजूद 22 फीसदी से अधिक खाद्यान्न का उत्पादन अकेले उत्तर प्रदेश करता है।
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हमारे 89 कृषि विज्ञान केंद्र हैं। चार राज्य कृषि विश्वविद्यालय हैं और पांचवां स्थापित होने जा रहा है। कृषि, बागवानी और आयुष से जुड़े ऐसे तमाम संस्थान प्रदेश में मौजूद हैं। सीमैप निरंतर इन संस्थानों की विजिट करे। इससे संस्थानों में नवाचार और शोध को बढ़ावा मिलेगा।