गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद जिला टीबी मरीजों की पहचान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक अपनाने वाला प्रदेश का पहला जिला बनने जा रहा है। इस तकनीक का इस्तेमाल डिजिटल एक्स-रे मशीनों के साथ किया जाएगा, जिससे क्षय रोग (टीबी) के मरीजों की जल्द और सटीक पहचान संभव हो सकेगी।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, एमएमजी जिला अस्पताल और जिला क्षय रोग केंद्र की डिजिटल एक्स-रे मशीनों में AI सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया जाएगा। यह सॉफ्टवेयर मरीज के एक्स-रे को स्कैन कर खुद ही संभावित टीबी के लक्षणों की पहचान करेगा। इससे रिपोर्ट तुरंत मिल सकेगी और रेडियोलॉजिस्ट की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी (DTO) डॉ. अनिल कुमार यादव ने बताया कि इस तकनीक की मदद से जांच प्रक्रिया तेज होगी। मरीजों को पहले जहां रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था, वहीं अब AI तकनीक से रिपोर्ट तुरंत उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने बताया कि शुरूआत में दो केंद्रों पर यह तकनीक लागू की जा रही है और जल्द ही जिले के अन्य अस्पतालों व सीएचसी में भी इसे लागू किया जाएगा।
AI सॉफ्टवेयर के सुचारू संचालन के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस तकनीक की मदद से न सिर्फ जांच में तेजी आएगी, बल्कि संभावित मरीजों की पहचान भी आसान होगी, जिससे “टीबी मुक्त भारत” अभियान को और गति मिलेगी।
प्रदेश के सभी जिलों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए बैठक हुई, जिसमें केंद्र और राज्य स्तर के उच्च अधिकारियों ने निर्देश जारी किए। बैठक में गाजियाबाद को मॉडल जिले के रूप में प्रस्तुत किया गया, जहां यह तकनीक सबसे पहले लागू हो रही है।