नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश में कोई भी हस्तक्षेप करने से भी इनकार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता दिल्ली हाई कोर्ट में पक्षकार भी नहीं था। इस मामले पर दिल्ली के उप-राज्यपाल को फैसला करना है। याचिका कांत भाटी ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि संविधान की धारा 239एए(4) के प्रावधानों के मुताबिक उप-राज्यपाल को सलाह देने वाले मंत्रिपरिषद का मुखिया मुख्यमंत्री ही होता है। अरविंद केजरीवाल के जेल में रहने के बाद उप-राज्यपाल को सलाह देना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने का आदेश जारी किया जाए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है।
इससे पहले10 अप्रैल को दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग वाली आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक संदीप कुमार की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए दिल्ली के पूर्व विधायक संदीप कुमार पर 50 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया था।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को 10 मई को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। इस अंतरिम जमानत के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को 2 जून को कोर्ट में सरेंडर करने का आदेश दिया था।