Friday, November 15, 2024

शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है टीबी: महावीर सिंह फौजदार

मुजफ्फरनगर। विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर एक कार्यशाला का आयोजन जिला चिकित्सालय के रेड क्रॉस भवन में किया गया। इस दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करते हुए टीबी से बचने के उपाय बताए गए। विश्व क्षय रोग दिवस प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को मनाया जाता है।

 

गुरुवार को जिला चिकित्सालय के रेडक्रॉस भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर क्षय रोग अधिकारी डॉ. लोकेश चंद्र गुप्ता एवं जिला चिकित्सा अधिकारी महावीर सिंह फौजदार द्वारा टीबी के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई है। उन्होंने टीबी से बचने के लिए उपाय भी बताएं।

 

जिला चिकित्सा अधिकारी महावीर सिंह फौजदार ने बताया कि गत वर्ष जिले भर में टीबी के आठ हजार रोगी चिन्हित किए गए थे। बताया कि शुक्रवार को महावीर चौक स्थित जीआईसी मैदान में होने वाले कार्यक्रम में क्षय रोग अधिकारी डॉ लोकेश चंद्र गुप्ता के द्वारा लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लोगों को अधिक जागरूक करने के लिए रैली का भी आयोजन किया जाएगा जो शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए एवं कॉलोनी व मोहल्लों से होते हुए टीबी के प्रति लोगों को जागरुक करने का कार्य करेगी। जिले को टीबी मुक्त घोषित करने के लिए कार्य कर रही सोलह टीमों द्वारा डोर टू डोर अभियान चलाकर मरीजों को खोजने का काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि टीबी एक ऐसा रोग है जो हवा के माध्यम से फैलता है। उन्होंने बताया कि टीमों द्वारा टीबी के रोगियों को खोजने का मकसद एक दूसरे से फैलने वाले संक्रमण को रोकने का है।

 

उन्होंने बताया कि 2015 से पहले टीबी एक लाइलाज की बीमारी थी, क्योंकि उस समय इसका कोई इलाज नहीं था, मगर अब टीबी लाइलाज की बीमारी नहीं रही क्योंकि टीबी का सफल इलाज प्रत्येक जिले में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टीबी मुक्त भारत के सपने को साकार करने के लिए जिले भर में सरकारी एवं गैर सरकारी अधिकारियों के अलावा समाजसेवी द्वारा टीवी के रोगियों को गोद लेकर उनका उपचार प्राथमिकता से कराया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक टीबी के मरीज के खाते में प्रतिमा ₹500 भेजे जाते हैं। अभी तक टीबी के मरीजों को 7 करोड रुपए उनके खातों में भेजे जा चुके हैं। टीबी के मरीजों का उपचार 11 माह से लेकर 18 माह तक किया जाता है।उन्होंने बताया कि गत वर्ष देशभर में हमारे प्रदेश को टीवी पर अंकुश लगाने के लिए तीसरा स्थान प्राप्त हुआ था जिसके लिए दिल्ली में हुए एक सेमिनार में ब्रोंज मेडल से सम्मानित किया गया था।

 

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए समय 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाना है जिसके लिए अभी दो वर्ष हमारे पास बचे हुए हैं। उन्होंने बताया कि आगामी दो वर्षों में प्रदेश व देश को टीवी मुक्त बना दिया जाएगा क्योंकि इस अभियान को साकार करने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग टीमें निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि देशभर में टीवी के रोगियों के उपचार के लिए प्रति एक किलोमीटर की दूरी पर उपचार की व्यवस्था की गई है, ताकि टीबी के रोगियों को कोई परेशानी न हो सके और उनको समय रहते उपचार मिल सके।

 

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ लोकेश चंद्र गुप्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टीबी मुक्त भारत का सपना साकार करने के लिए जनपद भर में 16 टीम निरंतर कार्य कर रही हैं। उन्होंने बताया कि टीबी एक संक्रामक रोग है, जिसका जीवाणु मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि यह शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करती है जैसे लसीका ग्रंथि, हड्डियां, जननाग एवं मूत्रांग स्नायुतंत्र व आंतों पर काफी असर पड़ता है।

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