मेरठ। शास्त्रीनगर के हुए चर्चित तिहरे हत्याकांड में तीन आरोपियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। बताया गया कि एलआईसी से सेवानिवृत अधिकारी चंद्रशेखर और उनकी पत्नी पूनम घर में देह व्यापार चला रहे थे। एक युवती का प्रेमी अपने दो साथियों के साथ पहुंचा था। उन्होंने युवती और दंपती की हत्या की थी। इस मामले में 25 पुलिसकर्मी, डॉक्टरों के बयान दर्ज हुए। 13 लोगों ने गवाही दी। जिसके बाद आरोपियों को उम्र कैद की सजा हुई है।
घटना नौचंदी थानाक्षेत्र के शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट के पास गोल मंदिर के सामने 18 जून 2016 को हुई। एलआईसी से सेवानिवृत होने के बाद चंद्रशेखर और उसकी पत्नी पूनम ने घर में देह व्यापार चला रखा था। शेरगढ़ी की रहने वाले रिया नाम की युवती उनके घर पर आती थी। घटना वाले दिन रिया के प्रेमी विकास निवासी माधवपुरम ने दोस्त उदयवीर को ग्राहक बनाकर चंद्रशेखर के घर भेजा। उदयवीर ने 100 रुपये देकर चंद्रशेखर को आपत्तिजनक सामान खरीदने मेडिकल स्टोर भेज दिया।
इसी दौरान विकास और उसका साथी सचिन चंद्रशेखर के घर पहुंचे। तीनों ने रिया और फिर पूनम की चाकू से गोदकर हत्या कर दी। करीब 10 मिनट बाद चंद्रशेखर लौटे तो उसको भी तीनों ने चाकू से मार डाला। तिहरे हत्याकांड की सूचना पर तत्कालीन आईजी जोन सुजीत पांडेय, डीआईजी लक्ष्मी सिंह और एसएसपी जे. रविंदर गौड़ फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे थे।
इस मामले में जिला जज रजत सिंह जैन की अदालत में सुनवाई चल रही थी। सरकारी अधिवक्ता सर्वेश शर्मा और पदम सिंह ने बताया कि चंद्रशेखर के भांजे मनीष ने मुकदमा दर्ज कराया था। विवेचना में पता चला कि विकास उर्फ विक्की की रिया से दोस्ती थी। बाद में विकास को पता चला कि रिया गलत काम करती है। विकास ने उदयवीर को चंद्रशेखर के घर पर भेजा। तीनों की हत्या के बाद चंद्रशेखर के घर से एलसीडी और रिया की स्कूटी आरोपी ले गए थे। 24 जून 2016 को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने खुलासा किया था। मामले में सरकारी वकील पदम सिंह ने 13 गवाह अदालत में प्रस्तुत किए। उनकी गवाही और पत्रावली पर उपस्थित साक्ष्य के आधार पर सजा सुनाई गई।