पीलीभीत – उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में एक शिक्षिका द्वारा चुनाव ड्यूटी से विरत रहने के लिये दिये गये प्रमाणपत्र के फर्जी पाये जाने पर एफआईआर के आदेश दिये गये हैं।
मुख्य विकास अधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि 11 मई को प्रस्तावित निकाय चुनाव में ड्यूटी कटवाने के लिए शिक्षिका ने स्वयं को कोरोना संक्रमित बताकर प्रार्थना पत्र के साथ फर्जी प्रमाण पत्र लगाया था। जांच कराने पर प्रमाणपत्र फर्जी निकला जिसके बाद दोषी शिक्षिका के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
सीडीओ के अनुसार शिक्षिका की ओर से ड्यूटी कटवाने के लिए कूटरचित प्रमाण पत्र देने पर उन्होंने बीएसए अमित कुमार सिंह को एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है। पूरनपुर ब्लॉक के गांव प्राथमिक विद्यालय पचपेड़ा में कार्यरत शिक्षिका रीतू तोमर की नगर निकाय चुनाव में मतदान अधिकारी द्वितीय के रूप में पिंक बूथ पर पोलिंग पार्टी संख्या तीन में ड्यूटी लगाई गई थी।
ड्यूटी लगाने के बाद शिक्षिका की ओर से बेनहर कॉलेज में चल रहे प्रशिक्षण में पहुंचकर अफसरों को एक प्रार्थना पत्र दिया गया। जिसमें शिक्षिका रीतू तोमर ने बताया कि वह कोरोना पॉजिटिव है।
शिक्षिका की ओर से हरगोविंद एंक्लेव द्वारा कोविड प्रमाण पत्र संलग्न किया है। जिसका रजिस्ट्रेशन सात मई को पंजीकृत पाया गया। कोविड प्रमाण पत्र देखने के बाद अफसर शिक्षिका रीतू की ड्यूटी हटाने के लिए तैयार हो गए।
इस बीच सीडीओ धर्मेद्र प्रताप सिंह ने शिक्षिका की ओर से दिए गए प्रमाण पत्र की जांच कराई। वह प्रमाण पत्र मिशिका मेहता के नाम पर दर्ज पाया गया। जो 11 अगस्त 2022 को पंजीकृत पाया गया।