मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय,मेरठ में कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला के मार्गदर्शन एवं चीफ वार्डन प्रोफेसर दिनेश कुमार के नेतृत्व में अंतर छात्रावास प्रतियोगिताएं 2024-25 का आयोजन किया जा रहा है। इसी श्रृंखला में अटल सभागार में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसका निर्देशन प्रोफेसर बिंदु शर्मा ने किया।
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प्रतियोगिता का विषय था—’क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक भविष्य में रोजगार को समाप्त कर देगी?’
प्रतियोगिता के नियमों के अनुसार, सभी प्रतिभागियों ने मंच पर पर्ची निकालकर अपने पक्ष या विपक्ष का चुनाव किया। प्रत्येक प्रतिभागी को दो मिनट अपने तर्क प्रस्तुत करने तथा एक मिनट की क्रॉस क्वेश्चनिंग का अवसर मिला।
निर्णायक मंडल में डॉ अंजू (जंतु विज्ञान विभाग), डॉ सुषमा रामपाल (राजनीति विज्ञान विभाग) एवं डॉ सोनम शर्मा उपस्थित रहीं।
प्रतिभागियों की भाषा शैली, तर्क की प्रमाणिकता, प्रश्न-उत्तर कौशल एवं प्रस्तुति के आधार पर अंक दिए गए। वाद-विवाद में विद्यार्थियों ने अपनी तार्किक क्षमता एवं शोधपरक दृष्टिकोण का प्रभावी प्रदर्शन किया। प्रतिभागी निशा चौधरी ने कहा, एआई रोजगार समाप्त नहीं करेगा, बल्कि नई संभावनाओं को जन्म देगा, ठीक वैसे ही जैसे औद्योगिक क्रांति के समय हुआ था।
आलोक सिंह ने अपने पक्ष में तर्क दिया, कई पारंपरिक नौकरियां एआई के कारण विलुप्त हो सकती हैं, लेकिन इंसान की सृजनात्मकता और निर्णय लेने की क्षमता कभी खत्म नहीं होगी।
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दुर्गा भाभी छात्रावास की छात्रा नंदिनी का विचार था, ‘एआई सिर्फ एक उपकरण है, यह व्यक्ति की योग्यता और कौशल पर निर्भर करेगा कि वह इसे अपने लाभ के लिए कैसे प्रयोग करता है। अखिलेश यादव ने विपक्ष में तर्क देते हुए कहा, ‘एआई के बढ़ते प्रभाव से बेरोजगारी की समस्या गहराएगी, क्योंकि कई सेक्टर पूरी तरह से स्वचालित हो जाएंगे।’संदीप ने स्पष्ट रूप से कहा, ‘एआई निश्चित रूप से रोजगार को खत्म कर देगा और इससे मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है, इसलिए इसके उपयोग को लेकर सचेत रहने की जरूरत है।’छात्र शिवांश मिश्रा ने कहा एआई एक टूल है, और किसी भी टूल का सकारात्मक या नकारात्मक उपयोग पूरी तरह से मानव पर निर्भर करता है। इतिहास गवाह है कि तकनीकी उपकरण हमेशा नए रोजगारों का सृजन करते हैं। यदि एआई कुछ क्षेत्रों में नौकरियों को प्रभावित करेगा, तो दूसरी ओर यह नई नौकरियों के लिए कौशल विकास में भी मदद करेगा। कार्यक्रम के दौरान प्रोफेसर बिंदु शर्मा ने कहा, तकनीक सदैव अवसर और चुनौतियां दोनों साथ लाती है।
चीफ़ वॉर्डन प्रोफेसर दिनेश कुमार ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, इस तरह की चर्चाएं विद्यार्थियों में बौद्धिक विकास को बढ़ावा देती हैं। विशिष्ठ अतिथि प्रोफेसर के. शर्मा का मत था, विज्ञान को हमेशा मानवता के विकास के लिए उपयोग किया जाना चाहिए, न कि रोजगार संकट के रूप में देखा जाना चाहिए। मुख्य अतिथि डॉ राजीव कुमार, जैन कॉलेज बड़ोत ने कहा, जो लोग एआई को अपनाएंगे, वे आगे बढ़ेंगे, और जो नहीं अपनाएंगे, वे पीछे रह जाएंगे।
विशिष्ठ अतिथि डॉ राजीव कौशिक, केके जैन पीजी कॉलेज खतौली ने कहा, शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों को नई तकनीकों के अनुकूल बनाना होना चाहिए।
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छात्र आदर्श उपाध्याय एवं छात्रा निशा ने मंच संचालन किया। छात्रा वंशिका ने सरस्वती वंदना गया। इंजीनियर प्रवीण पंवार ने कहा कि AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) वर्तमान युग की सबसे चर्चित तकनीकों में से एक है। जहां एक ओर यह जीवन को सरल और सुविधाजनक बना रही है, वहीं दूसरी ओर यह रोजगार के भविष्य को लेकर कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे रही है। आज के इस मंच ने इस विषय के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान किया।
इस दौरान डॉ अजय कुमार डॉ दुष्यंत चौहान ,डॉ वंदना राणा, डॉ सचिन कुमार,ममता , विजय सिंह विजय राम, रविंद्र कुमार, सबलू कुमार, शुभम , रुकसाना इत्यादि मौजूद रहे
कशिश गोलियान, अखिलेश यादव ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, द्वितीय स्थान निशा चौधरी को मिला, तृतीय स्थान आलोक सिंह, डीडीयू हॉस्टल ने प्राप्त किया।