गाज़ियाबाद। एमएमजी अस्पताल में तीन दिन से भर्ती 16 वर्षीय किशोरी की उपचार के दौरान मौत हो गई। किशोरी की मृत्यु के बाद चिकित्सकों पर उपचार में लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने हंगामा किया। किसी तरह समझाने पर हंगामा शांत हो सका। अस्पताल के सीएमएस ने मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया है।
परिजनों का आरोप है कि मरीज में खून की कमी थी परिजनों ने खून भी दे दिया था लेकिन डॉक्टरों ने मरीज किशोरी को खून नहीं चढ़ाया जिसके चलते उसकी मौत हो गई। विजयनगर के भूड़ भारत नगर में रहने वाली छाया (16) की कई दिनों से तबीयत खराब चल रही थी। उसे सात मई को पेट दर्द, बुखार और खून की कमी के चलते एमएमजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में डॉक्टर व अन्य स्टाफ ने मरीज को सही से उपचार नहीं दिया।
डॉक्टर और स्टाफ पर लापरवाही का आरोप परिजनों ने बताया कि छाया में खून की कमी है और उसे खून की जरूरत है। इस पर एक परिजन ने ब्लड डोनेट भी किया। लेकिन डॉक्टर ने छाया को खून नहीं चढ़ाया वार्ड में तैनात स्टाफ को बताने पर वो परिजनों के साथ बुरा व्यवहार करते थे। कई दिनों के उपचार के बाद छाया ने दम तोड़ दिया। जिसके बाद परिजनों ने डॉक्टर और स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। अस्पताल प्रबंधन ने छाया के पोस्टमार्टम से भी इनकार दिया था। मामले में छाया की बहन मधु की ओर मुख्यमंत्री से शिकायत की गई है।
एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि मरीज को पेट की टीबी, एनीमिया और बुखार की समस्या थी। बुखार होने के कारण उसे ब्लड नहीं चढ़ाया जा सका। सीएमएस ने कहा कि परिजनों से पोस्टमॉर्टम करवाने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है।