नई दिल्ली। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने आज जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग केस के आरोपित और लोकसभा चुनाव जीते सांसद राशिद इंजीनियर की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को नोटिस जारी किया है। जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी।
कोर्ट ने राशिद इंजीनियर को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए पांच जुलाई को दो घंटे की कस्टडी पेरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था। राशिद इंजीनियर ने लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की है। राशिद इंजीनियर फिलहाल दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। राशिद इंजीनियर को 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था।
पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च, 2022 को हाफिज सईद , सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया। 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की स्थापना की गई।
एनआईए के मुताबिक हाफिज सईद ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया। इस धन का उपयोग घाटी में अशांति फैलाने , सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में किया गया। इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था।