सहारनपुर- भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद पर जानलेवा हमले के आरोपियों को पुलिस ने रविवार को रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया और कोर्ट के आदेश पर चारों को जेल भेज दिया।
पुलिस उपमहानिरीक्षक अजय साहनी ने पुलिस लाइन स्थित सभागार में पत्रकारों को बताया कि 28 जून की शाम जिले के कस्बा देवबंद में चंद्रशेखर पर जानलेवा हमला करने की सनसनीखेज वारदात में शामिल चारो हमलावरों को पुलिस ने 72 घंटे के भीतर शनिवार को गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के लिए एसपी सिटी अभिमन्यू मांगलिक, एसपी देहात सागर जैन एवं सीओ देवबंद रामकरण सिंह की अगुवाई में पुलिस की पांच टीमें लगाई गई थी जिनका नेतृत्व एसएसपी डा. विपिन ताडा कर रहे थे। हरियाणा की एसटीएफ इकाई भी यहां की पुलिस के सहयोग में लगी थी।
श्री साहनी ने बताया कि चारो आरोपियों के अंबाला कोर्ट में किसी अन्य मामले में आत्म समर्पण करने की पक्की सूचना मिलने पर देवबंद कोतवाली के पुलिस निरीक्षक एचएन सिंह की अगुवाई में विशेष टीम गठित कर अंबाला रवाना की गई जिसने हरियाणा एसटीएफ को साथ लेकर एक जून यानि कल शनिवार को चारो आरोपियों को अंबाला के कस्बा शहजादपुर में अग्रवाल ढाबा के पास से हिरासत में ले लिया और कडी सुरक्षा में सहारनपुर लाया गया।
कई घंटो तक आरोपियों से की गयी गहन पूछताछ में चंद्रशेखर पर हमले की वारदात में शामिल होने की बात स्वीकार की गयी। साहनी ने बताया कि जानलेवा हमले में चंद्रशेखर बाल-बाल बच गये थे जबकि हमलावरों का उद्देश्य उनकी हत्या करना था। कार में अगली सीट पर लविश उर्फ अभिषेक बैठा था। पीछे वाली सीट पर रणखंडी निवासी विकास और प्रशांत बैठे थे। उन्होंने रोहाना टोल प्लाजा के पास चंद्रशेखर आजाद के देवबंद में किसी कार्यक्रम में जाने की जानकारी मिली तो उन्होंने उससे निपटने की ठान ली और देवबंद पहुंच गए।
जैसे ही चंद्रशेखर कार्यक्रम से निकलकर गाडी में बैठकर निकले तो थोडी दूर पर स्पीड ब्रेकर पर गाडी धीमी हुई तो उन्होंने उसकी गाडी को ओवरटेक किया और 315 बोर के दो तमंचों से तीन फायर किए। दो फायर विक्की रणखंडी और एक राउंड फायर प्रशांत ने किया। हमला करते ही वे रूडकी की ओर भागे लेकिन गांव मिरगपुर के पास गाडी में तेल खत्म हो जाने पर वे गाडी को वही छोडकर छिपते-छिपाते दो दिन में अंबाला पहुँच गए।
उनके पास से 315 बोर के दो तमंचे और सात जिंदा कारतूस अभियुक्तों की निशानदेही पर देवबंद में फुलास रजवाहे की पुलिया के पास से बरामद किए गए। पुलिस ने उनकी कार घटना के बाद ही बरामद कर ली थी। हमलावरों के खिलाफ आईपीसी की धारा 307/506/120 बी एवं 3 (2) 5 एससीएसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज है। यह मुकदमा चंद्रशेखर के भाई मनीष द्वारा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने अब इसमें आर्म्स एक्ट की धारा 3/25/24 भी बढा दी है।
डीआईजी ने बताया कि चारो आरोपियों का आपराधिक इतिहास हैै। लविश के खिलाफ देवबंद कोतवाली मे आईपीसी की धारा 307 समेत विभिन्न धाराओं में पहले से ही तीन मुकदमें दर्ज है। इतने ही मुकदमें विकास पुत्र प्रीतम के खिलाफ देवबंद कोतवाली में दर्ज है। प्रशांत के खिलाफ भी एक मुकदमा पहले से दर्ज है।
एसएसपी डा.विपिन ताडा ने बताया कि गिरफ्तार करने वाली टीम में सीओ एवं पुलिस निरीक्षक देवबंद थाना अध्यक्ष सरसावा सूबे सिंह आदि शामिल थे और उनकी गिरफ्तारी को लगाई गई पांच टीमों में 50 पुलिसकर्मी शामिल थे। डीजीपी विजय कुमार की ओर से पुलिस टीम को 50 हजार रूपए का इनाम देने की जानकारी डीआईजी ने दी। उन्होंने कहा कि गजेटिंड अफसरों को प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
हमले की वारदात में शामिल गिरफ्तार चारों युवकों में तीन देवबंद कोतवाली के गांव रणखंडी के निवासी है। इनमें तीन विकास उर्फ विक्की पुत्र प्रीतम सिंह, प्रशांत पुत्र विक्रम कुमार एवं लविश उर्फ अभिषेक पुत्र विरेंद्र सिंह शामिल है। जबकि चौथा आरोपी विकास उर्फ विक्की पुत्र शिवकुमार हरियाणा के करनाल जिले के थाना निसिंग के ग्राम गौदर का निवासी है। जिसकी रणखंडी मेें रिश्तेदारी है और वह वहां के तीनों इन युवकों का साथी है और रणखंडी आता-जाता रहता है।
हमले में इस्तेमाल की गई स्विफ्ट गाडी हरियाणा निवासी विकास उर्फ विक्की की थी और हमले की घटना के दौरान वही गाडी चला भी रहा था।
सहारनपुर। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पर हमला करने वाले युवकों को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। चार युवकों को पुलिस ने हरियाणा के अंबाला से गिरफ्तार किया है। जहा इन युवकों के नाम लविश, आकाश और पोपट हैं। इस मामले में रविवार को सहारनपुर पुलिस ने जानकारी दी है।
वही डीआईजी अजय कुमार साहनी ने बताया कि चन्द्रशेखर पर 28 तारीख को हमला किया गया। जिसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमों का गठन किया गया था। और चार लड़को को गिरफ्तार किया गया है। एक युवक हरियाणा और तीन देवबंद का रहने वाला है। आरोपियों ने तीन राउंड फायरिंग की थी। उन्हें अंबाला के ढाबे से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी चंद्रशेखर के बयानबाजी से नाराज थे। उन्होंने अचानक ही हमला करने का प्रोग्राम बनाया था। आरोपियों ने रोहाना टोल से उनका पीछा किया था।
इससे पहले सहारनपुर के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सागर जैन ने हमले के बाद बताया था कि चन्द्रशेखर के साथी मनीष कुमार की तहरीर पर कार सवार अज्ञात हमलावरों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने चार संदिग्धों को पूछताछ के लिये हिरासत में लिया है। पुलिस की कई टीम जांच कर रही हैं और बहुत जल्दी ही हमलावर सलाखों के पीछे होंगे।
आजाद समाज पार्टी के संस्थापक सदस्य और मीडिया प्रभारी डॉक्टर अजय गौतम ने कहा था, ‘‘घटना के 72 घंटे बीतने पर भी पुलिस हमलावरों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है जिससे समर्थकों में नाराजगी है। गौतम ने बताया कि आजाद के निवास पर चिकित्सक उनके स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए हैं, सुरक्षा के भी व्यापक प्रबंध किये गये हैं। उन्होंने बताया कि आगामी तीन जुलाई को सहारनपुर में महापंचायत होगी।