शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि 15वें वित्त आयोग द्वारा घोषित 1000 करोड़ रुपये की धनराशि अभी तक जारी नहीं की गयी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार इस मुद्दे पर सक्रिय है क्योंकि सरकार भारत सरकार से स्वीकृत राशि जारी करने के लिए काम कर रही है।
सुक्खू ने कहा कि मंडी में ग्रीन फील्ड हवाईअड्डे की लागत 8034 करोड़ रुपये हो गई है और इसमें और देरी हुई तो परियोजना की लागत 9000 करोड़ रुपये तक बढ़ जाएगी।
आज विधानसभा में प्रश्नकाल में भारतीय जनता पार्टी के इंदर गांधी, कांग्रेस के विनोद कुमार और सुधीर शर्मा द्वारा उठाए गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए श्री सुक्खू ने कहा कि सरकार केंद्र से पैसा जारी करने की कोशिश कर रही है और विपक्ष भी जल्द से जल्द जारी करने में सरकार की मदद कर रहा है।
विधानसभा के बाहर बल्ह, मण्डी के किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से मुलाकात कर सामाजिक प्रभाव प्रतिवेदन की स्वीकृति का आग्रह किया। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि बल्ह की भूमि बहुत उपजाऊ है, इसलिए प्रस्तावित हवाई अड्डे को वैकल्पिक स्थल पर बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पांच साल पहले जयराम सरकार उपजाऊ भूमि पर अपने सपनों का हवाई अड्डा बनाने पर अड़ी थी, जबकि अब रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश के मंडी या हमीरपुर, जाहू के बीच वैकल्पिक भूमि को हवाई परियोजना के लिए उपयुक्त माना गया है, जो है तीन जिलों मण्डी, बिलासपुर और हमीरपुर को जोड़ता है और वहाँ की अधिकांश भूमि बंजर और कम उपजाऊ है।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि 80 प्रतिशत भूमि सरकारी है और 20 प्रतिशत भूमि निजी है और बल्ह की तुलना में भूमि अधिग्रहण के कारण लोगों का विस्थापन बहुत कम होगा, इसलिए एसआर एशिया टीम ने सुझाव दिया है कि जाहू में तकनीकी सर्वेक्षण के आधार पर प्रस्तावित एयरपोर्ट को जाहू शिफ्ट किया जाए।