Wednesday, November 20, 2024

लखनऊ में जज को कार से खींचकर पीटा, गला दबाकर हत्या की कोशिश,अर्दली ने जान बचाई, मुकदमा दर्ज

लखनऊ- प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बदमाशों के हौसले इस कदर बुलंद है कि वो आम जनता के साथ सरकारी ओहदों पर तैनात लोगों को भी अब बड़ी बेखौफी से निशाना बना रहे हैं। राजधानी के पॉश इलाके डालीबाग में मंगलवार देर शाम गाड़ी में टक्कर मारकर कार सवार ने जज को घसीटकर बाहर निकाला। उनसे मारपीट की और फिर गला दबाकर हत्या करने की कोशिश की। जज के अर्दली ने किसी तरह से उनको बचाया। बुधवार शाम को जज की तहरीर पर हजरतगंज पुसिल ने कार नंबर के आधार पर हत्या के प्रयास व अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट आशुतोष कुमार सिंह का बटलर पैलेस में आवास है। तहरीर के मुताबिक मंगलवार देर शाम करीब 7:40 बजे वह घर से अपनी गाड़ी से निकले थे। उनके साथ उनका अर्दली गौरव वर्मा भी था। वह नेहा त्रिपाठी सैलून के सामने पहुंचे ही थे कि तभी पीछे से आ रही एक बलेनो कार ने उनकी गाड़ी में बायीं तरफ से टक्कर मार दी। फिर कार सवार ने उनको रुकवाया।
उन्होंने बताया कि कार सवार ने गाली गलौज करते हुए कॉलर पकड़कर बाहर खींच लिया। गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की। अर्दली ने किसी तरह से उनको बचाया। जिसके बाद युवक अपनी कार से भाग निकला। बुधवार देर शाम पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। जज ने तहरीर में कार नंबर लिखा है। जिसका नंबर यूपी 32 एनडब्ल्यू 1748 है। इस बलेनो कार का जब ब्योरा निकाला गया तो पता चला कि कार गुलनार खान के नाम पर रजिस्टर्ड है जो कि निरालानगर डालीगंज निवासी हैं।

डीसीपी मध्य अपर्णा रजत ने बताया कि तहरीर मिली है। मुकदमा दर्ज किया गया है। सीसीटीवी फुटेज से गाड़ी को ट्रेस किया जा रहा है। गाड़ी टकराने के बाद विवाद हुआ था।  सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। कार नंबर के आधार पर आरोपी तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है,जल्द गिरफ्तारी कर ली जाएगी।

बता दे कि एक साल पहले भी लखनऊ में दर्जनों बदमाशों ने एक जज की पत्नी को बुरी तरह घायल कर दिया था और उनकी कनपटी में असलहा लगाकर धमकी देते हुए दबंगों ने कहा था कि तुम जैसे न्यायाधीश बहुत देखें है।  इस मामले में पारा पुलिस ने चार नामजद और 25 से 30 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। जज के साथ हुई इस घटना से आसपास के लोग सहमे हुए हैं, लोगों का कहना है कि जब इस ओहदे के लोग ही सुरक्षित नहीं हैं तो हम लोगों का तो क्या ही कहना।

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