मुजफ्फरनगर। दूरबीन विधि के जरिये गलत तरीके से पथरी का ऑपरेशन करने पर चिकित्सक की लापरवाही से मरीज की जान जोखिम में पड गई। पीडित मरीज ने चिकित्सक को तो मुंहमांगी रकम दी ही, साथ ही जान बचाने के लिये पीडित मरीज को एक लाख 50 हजार रूपये तक खर्च करने पड गये।
दिल्ली विधानसभा चुनावः एग्जिट पोल में बीजेपी को बहुमत, आप को झटका, कांग्रेस फिर खाली हाथ
मिली जानकारी के अनुसार नॉर्थ सिविल लाईन निवासी 52 वर्षीय धर्मेन्द्र पुंडीर पुत्र जगदीश सिंह बुखार और दर्द से पीडित थे। किसी ने उन्हें सरकुलर रोड पर ज्योति हॉस्पिटल में डा. सिद्धार्थ गुप्ता के यहां जाने की सलाह दी, जिसके बाद वे वहां पहुंचे। पथरी होने की संभावना के मद्देनजर डाक्टर ने आर्य समाज रोड स्थित गोल्डन डाईग्नोजिस्किस पर सीटी स्केन कराने की सलाह दी।
रिपोर्ट में 23 एमएम की पथरी होने की रिपोर्ट मिली, जिसके बाद डाक्टर ने पीडित मरीज का ऑपरेशन करने के लिये 31 हजार रूपये मांगे, जिन्हें देने के बाद डाक्टर साहब ने मरीज का आपरेशन कर दिया। उसके बाद भी मरीज की हालत में सुधार नहीं हुआ, बल्कि हालत और बिगडती चली गई।
संगम में डुबकी लगाने के बाद बोले पीएम मोदी, ‘करोड़ों लोगों की तरह, मैं भी भक्ति भावना से भर गया’
मरीज धर्मेन्द्र पुंडीर के परिजन जब उन्हें मेरठ लेकर पहुंचे, जहां पर परिजनों ने मरीज को धनवन्तरी हास्पिटल में डा. अनिल ऐलास को दिखाया। उन्होंने जांच कराने के बाद रिपोर्ट मिलने पर कहा कि मरीज के पेट में पथरी है और वह यूरिन के रास्ते में फंसी है, जिससे किडनी खराब होने का पूरा अंदेशा है। उन्होंने कहा कि धर्मेन्द्र पुंडीर का मामला पूरी तरह से बिगड चुका है।
मिल्कीपुर उपचुनाव में हुयी जम कर धांधली, पुलिस-प्रशासन का रवैया रहा अलोकतांत्रिक: अखिलेश
यह सुनकर परिजन घबरा गये और वे धर्मेन्द्र पुंडीर को लेकर न्यूटीमा हास्पिटल मेरठ पहुंचे, जहां पर डा. शालिनी शर्मा ने धर्मेन्द्र पुंडीर का आपरेशन किया, जिसमें डेढ लाख रूपये खर्च हुए। अपने मरीज की जान बचाने के लिये परिजनों ने पूरे पैसे जमा करा दिये, जिसके बाद मरीज की जान में जान आई। इन सब झंझावतों के बीच जहां मरीज को शारीरिक कष्ट झेलना पडा, वहीं शहर के चिकित्सक की लापरवाही के कारण मरीज को आर्थिक नुकसान भी उठाना पडा।