Tuesday, November 5, 2024

गन्ने की लागत 550 रुपए कुंतल तो चीनी मिलों में गन्ने का मूल्य ₹ 370 क्यों  :- भगत सिंह वर्मा

देवबंद (सहारनपुर)। ग्राम जहीरपुर में एक बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन वर्मा व पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि गन्ना उत्पादन लागत बढ़ती महंगाई के कारण लगातार बढ़ती जा रही है। गन्ने की उत्पादन लागत 550 रुपए कुंतल आ रही है। सरकार चीनी मिलों से ₹ 370 कुंतल का भुगतान भी समय से गन्ना किसानों को नहीं करा पा रही है। शुगर कंट्रोल ऑर्डर 1966 के अनुसार जो चीनी मिल 14 दिन के अंदर गन्ना किसानों को भुगतान नहीं करती हैं उन्हें 15% वार्षिक दर से गन्ना किसानों को भुगतान करना चाहिए।
जिन चीनी मिलों पर बकाया गन्ना भुगतान व ब्याज है। ऐसी चीनी मिलों को गन्ना किसानों से ढुलाई किराया काटने का कोई अधिकार नहीं है। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि माननीय हाईकोर्ट व माननीय सुप्रीम कोर्ट ने आदेश है कि चीनी मिलें अविलम्ब गन्ना किसानों को ब्याज का भुगतान करें। उत्तर प्रदेश की 120 चीनी मिलों पर 17 हजार करोड रुपए पिछले वर्षों में देरी से किए गए गन्ना भुगतान पर लगा ब्याज बकाया है और देश की चीनी मिलों पर 35 हजार करोड रुपए ब्याज बकाया है। जिसे दिलाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि गन्ने की बढ़ती हुई लागत को देखते हुए भाजपा की योगी सरकार गन्ने का लाभकारी मूल्य ₹700 कुंतल तत्काल घोषित करें और चीनी मिलों से बकाया गन्ना भुगतान व ब्याज अविलंब दिलाए। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि वर्ष 1967 में चौधरी चरण सिंह जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री होते थे उस समय गन्ने का मूल्य 12 रुपए 10 पैसे कुंतल होता था। 1967 में प्राइमरी स्कूल के अध्यापक की नौकरी ₹70 प्रति माह और आई ए एस और आई पी एस की की नौकरी प्रतिमाह ₹250 होती थी। आज अध्यापक, कलेक्टर, एसपी की नौकरी 1000 गुना बढ़कर 70000 रुपए और ढाई लाख रुपए तक हो गई है।
इसी हिसाब से गन्ने का मूल्य भी 1000 गुना बढ़ना चाहिए। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि सरकार गन्ना किसानों को लाभकारी मूल्य ₹700 कुंतल तो दूर लागत मूल्य ₹550 कुंतल भी नहीं दिला पा रही है जिसके कारण उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान भारी कर्ज में डूबते जा रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने महामहिम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर गन्ना किसानों को गन्ने का लाभकारी मूल्य ₹700 कुंतल दिलाने, चीनी मिलों से बकाया गन्ना भुगतान अविलंब दिलाने, पिछले वर्षों में देरी से किए गए गन्ना भुगतान पर लगा ब्याज तुरंत गन्ना किसानों को दिलाने, गन्ना किसानों से ढुलाई, किराया न काटने, एक कुंतल गन्ने से 1 किलोग्राम कटौती को बंद करने और चीनी मिलों में घटतौली को रोकने, चीनी मिलों से गन्ना किसानों को खाद हेतु नि:शुल्क प्रेसमढ मैली दिलाने की मांग की।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष राव शाहिद प्रधान ने कहा कि जिस दिन पृथक पश्चिम प्रदेश का निर्माण होगा उस दिन पश्चिम प्रदेश के गन्ना किसानों को गन्ने का लाभकारी मूल्य ₹ 700 कुंतल नकद चीनी मिलों से दिलाया जाएगा। बैठक का संचालन करते हुए प्रदेश महामंत्री आसिम मलिक ने कहा कि पृथक पश्चिम प्रदेश और गन्ना किसानों की लड़ाई शुरू हो चुकी है जो जन आंदोलन बन रही है। बढ़ती हुई सभी समस्याओं का एकमात्र पृथक पश्चिम प्रदेश का निर्माण ही है। बैठक में जिला उपाध्यक्ष वसीम जहीरपुर, जिला मंत्री महबूब हसन, संदीप चौधरी, गौरव शर्मा, अभिषेक चौधरी, रियासत पहलवान, मोहम्मद खुशनसीब, हाजी सुलेमान, हाजी इरफान, मोहम्मद फुरकान, अमीर अहमद, बाबू खान, मोहम्मद तनवीर, मोहम्मद फारूक, एजाज अहमद, मोहम्मद राशिद, तमरेज, हाजी साजिद, हाजी कामिल, अमीर आलम, जुनैद, सादिक, हाजी बुद्धू हसन, सहबान, नवाब अली आदि ने भाग लिया।
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