नई दिल्ली। अडानी मसले पर विपक्षी दलों द्वारा जेपीसी की मांग को लेकर संसद में पिछले कई दिनों से जारी गतिरोध मंगलवार को खत्म हो सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार, संसद की कार्यवाही को चलाने को लेकर सरकार और कई विपक्षी दलों के बीच सहमति बन गई है और ऐसे में यह बताया जा रहा है मंगलवार से संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को लगातार तीसरे दिन अडानी के मसले पर संसद की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित हो जाने के बाद संसदीय मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी और उनके राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने विपक्षी दलों के नेताओं से संपर्क साध कर उनके साथ बैठक की।
जोशी ने सदन के अंदर सबसे ज्यादा हंगामा और नारेबाजी करने वाले कांग्रेस, टीएमसी और डीएमके सहित कई अन्य दलों के नेताओं के साथ बैठक कर उन्हें यह कहते हुए मनाने की कोशिश कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा कर, इसे पारित करना संसदीय परंपरा का अंग और संसद की जिम्मेदारी है।
उच्चस्तरीय सूत्र की माने तो बैठक में मौजूद विपक्षी नेता भी जोशी की बात से सहमत दिखाई दिए। ज्यादातर विपक्षी दल सदन में चर्चा करने और चर्चा के दौरान अडानी मसले पर अपनी बात रखने के लिए तैयार हैं क्योंकि इन दलों को यह लगता है कि एक आदिवासी महिला राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर संसद में चर्चा नहीं होने देने का गलत मैसेज देश की आम जनता खासकर आदिवासी समुदाय में जा सकता है।
ऐसे में विपक्ष के कुछ राजनीतिक दलों की तरफ से सरकार को इस तरह के संकेत मिले है कि वो मंगलवार से संसद की कार्यवाही को चलने देने के लिए तैयार है, यानी संसद के अंदर पिछले कई दिनों से जारी गतिरोध के मंगलवार को खत्म होने की प्रबल संभावना नजर आ रही है।
दरअसल, विपक्षी दल हिंडनबर्ग और अडानी समूह की जांच के लिए जेपीसी का गठन करने या फिर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच करवाने की मांग कर रहे हैं। पिछले सप्ताह, गुरुवार और शुक्रवार को भी अडानी के मसले पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सदन में कोई कामकाज नहीं हो पाया था। हंगामे के कारण सोमवार को लगातार तीसरे दिन भी संसद में कोई कामकाज नहीं हो पाया।