मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर गौशाला,नदी रोड स्थित श्री मदनानंद वानप्रस्थ आश्रम में आज सोमवार को श्री मद् भागवत कथा के चौथे दिन श्री वृंदावन से पधारे कथा व्यास आचार्य श्री धर्मेन्द्र उपाध्याय जी महाराज ने कथा की शुरुआत भगवान श्री कृष्ण के भजनों से की ।
कथा व्यास आचार्य श्री धर्मेन्द्र उपाध्याय जी महाराज ने आज भगवान कृष्ण के जन्म से संबंधित प्रसंग सुनाया । आचार्य धर्मेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि भगवान कृष्ण का जन्म राक्षसों का संघार करने के लिए हुआ था। श्रद्धालुओं ने भगवान श्री कृष्ण की जय-जयकार के बीच पूर्ण श्रद्धाभाव के साथ उनका जन्मदिवस मनाया।कार्यक्रम स्थल को विभिन्न प्रकार के रंगों के गुब्बारों, फूलों से सजाया गया और बधाई गीतों के बीच भक्तिमय वातावरण बना रहा।
कथा व्यास आचार्य धर्मेंद्र उपाध्याय जी महाराज ने कहा कि जो कार्य संकल्प लेकर किया जाता है, उसमें निश्चित रूप से सफलता प्राप्त होती है। कथा व्यास श्री धर्मेंद्र आचार्य जी महाराज ने सूर्यवंश का मार्मिक वर्णन किया और चंद्रवंश का वर्णन भी सुनाया । आज उन्होंने कथा श्रवण करने वाले श्रद्धालुओं का आह्वान किया कि वह श्रवण की गई कथा से संबंधित बिंदुओं को कथा स्थल पर ही छोड़कर न जाए अपितु अपने जीवन में उनको अपनाएं।
क्षत्रिय का जन्म भारत भूमि की पावन धरा पर इसीलिए होता है वह देश, धर्म, संत, सनातन और पितरो के साथ ही माताओं और बहनों की रक्षा कर सके। भागवत पुराण, वेद, उपनिषद, रामचरित मानस जैसे सभी ग्रंथों का नियमित रूप से वाचन और श्रवण करने से हमें निश्चित ही धर्म लाभ होता है।